पांडवों की स्थली पर 'आदिवासी अधिकार दिवस' मनाने का विरोध, राजकुमार रोत का 'हिंदू' वाला बयान बना वजह

घोटिया आंबा धाम को पांडवों की स्थली कहा जाता है. कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां कुछ दिन गुजारे थे. यहां प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तियां, शिव मंदिर और पवित्र कुण्ड है, जहां हिंदू परंपरा से अस्थि विसर्जन होता है.

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Rajasthan News: राजस्थान में बांसवाड़ा जिले के घोटिया आंबा धाम (Ghotiya Amba) पर भारत आदिवासी परिवार द्वारा आदिवासी अधिकार दिवस (Tribal Rights Day) कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. प्रस्तावित कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) भी शामिल होंगे, लेकिन उनके यहां आने को लेकर विरोध किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि सांसद आदिवासी को हिंदू नहीं मानते, तो हिंदू धर्म स्थल पर क्यों आ रहे हैं?

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

18 जुलाई को सांसद रोत और आदिवादी समाज परिवार, भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने मानगढ़ धाम की सभा में कहा था कि वो हिंदू नहीं हैं. वहीं अन्य वक्ताओं ने देवी देवताओं का अपमान किया और महिलाओं को सिंदूर और बिंदी नहीं लगाने का आह्वान किया था. इसी कारण समिति विरोध पर उतर आई है और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. आदिवासी समाज हिंदू धर्म जागरण समिति के अध्यक्ष देवीलाल रावत का कहना है कि सांसद अपने बयान वापस लें और माफी मांगे, तभी वहां कार्यक्रम कर सकते हैं. रावत ने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं होते तो उनके बाप-दादा पूर्वज घोटिया आंबा धाम के कुंड में अस्थि विसर्जन नहीं करते.

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मूर्तियां और प्राचीन कुंड

इसी तरह आदिवासी आरक्षण मंच के संयोजक कमलकांत कटारा ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि घोटिया आंबा में प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तियां स्थापित हैं और शिव मंदिर भी है. पवित्र कुण्ड है, जहां हिंदू परंपरा से अस्थि विसर्जन होता है.  जो लोग खुद को हिंदू नहीं मानते और वह हिन्दुओं की आस्था स्थली पर ऐसे आयोजन कर रहे हैं. या तो वह पहले अपने हिंदू नहीं होने के बयान को लेकर माफी मांगे या फिर वह कार्यक्रम को अन्य स्थान पर आयोजित करें.

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कार्यक्रम के पीछे क्या वजह?

भारत आदिवासी पार्टी द्वारा विभिन्न जिलों में संविधान में दिए गए अधिकारों को लेकर जनजागरण के उद्देश्य आदिवासी अधिकार दिवस का अयोजन किया जा रहा है. इसके तहत अभी तक उदयपुर और प्रतापगढ़ के अलावा कुछ अन्य जिलों में इसका अयोजन किया जा चुका है और अब बांसवाड़ा में यह दिवस मनाया जा रहा है. इसी तरह बांसवाड़ा के घोटिया अंबा धाम पर आदिवासी परिवार की ओर से कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है. इसमें सांसद राजकुमार रोत भी शामिल होंगे. मगर रोत के अंबा धाम आने का विरोध कर रहे हैं.

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राजकुमार रोत ने दिया जवाब

राजकुमार रोत ने कमल कांत कटारा के फेसबुक पोस्ट को एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, 'शांत प्रिय आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने के उद्देश्य से भोले-भाले लोगों को भड़का कर माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले लोगों से हमारा कोई साथी नहीं उलझे! साथ ही पुलिस प्रशासन इस तरह के लोगों पर कानूनी कार्यवाही करें. ये वही लोग है जिन्होंने शांति प्रिय काकरी आन्दोलन के अंदर घुसकर उग्र करवाया था.'

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