स्विट्जरलैंड में रहता था शख्स... लौटने के बाद खोया मानसिक संतुलन, 20 साल गायब रहने के बाद लौटा वापस घर

Punjabi Youth Missing: स्वरन सिंह ग्रेजुएशेन करने के बाद स्विट्जरलैंड चले गए और वहीं पर होटल में काम करने लगे. कुछ साल बाद विदेश से लौटने के बाद स्वरन सिंह अचानक मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए.

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दोनों तस्वीर में बीच में दिख रहे व्यक्ति की 20 साल पहले और अब की तस्वीर

Youth Return After 20 Years: मानसिक अस्वस्थ होने के चलते 20 साल पहले घर से निकले पंजाब निवासी महेन्द्र उर्फ स्वरन सिंह सकुशल मिलने पर परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. घर से निकलने पर परिजनों ने हर जगह तलाशा लेकिन कही नहीं मिलें. लेकिन घर वालों ने उम्मीद नहीं छोड़ी आखिरकार ईश्वर की ऐसी कृपा हुई कि 20 साल बाद भरतपुर के अपना घर आश्रम में होने की जानकारी मिली. 20 साल बाद महेन्द्र को देखकर परिजनों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

स्विट्जरलैंड से लौटने के बाद हुए मानसिक अस्वस्थ

पंजाब के जिला कपूरथला के गांव लोधीवाल, निवासी महेन्द्र उर्फ स्वरन सिंह के चाचा चाचा बलवीर सिंह ने बताया कि स्वरन सिंह ग्रेजुएशेन करने के बाद स्विट्जरलैंड चले गए और वहीं पर होटल में काम करने लगे. कुछ साल बाद विदेश से लौटने के बाद स्वरन सिंह अचानक मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए और उसके बाद घर से एक दिन अचानक निकल गए.

हम लोगों ने इन्हें सभी जगह खोजा जहां-जहां उनके मिलने की संभावना थी, लेकिन कहीं कोई सफलता हाथ नहीं लगी. बेटे स्वरन सिंह के गम में मां महेन्द्र कंवर और पिताजी तेजा जी दुनिया से अलविदा कह दिया, लेकिन परिजनों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा.

18 अप्रैल को अपना घर आश्रम की टीम ने स्वरन सिंह के बारे में परिजनों को सूचना दी और सूचना के बाद परिजन अपना घर आश्रम में पहुंचे. जहां स्वरन सिंह को आंखों के सामने देख खुशी का ठिकाना नहीं रहा है और अपना घर आश्रम से स्वरन सिंह को अपने साथ ले गए.

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इलाज के बाद याद आया घर का पता

जानकारी के मुताबिक स्वरन सिंह मानसिक एवं शारीरिक रूप से बीमार हालत भरतपुर के गांव फुलवारा में मिले थे. उपचार के लिए उन्हें अपना घर आश्रम भरतपुर में 18 अगस्त 2024 को भर्ती कराया गया था. उस समय उनकी सोचने और समझने की हालत नहीं थी.

अपना नाम तक भी नहीं बता पाये थे इसलिए संस्था द्वारा उनका नाम महेन्द्र प्रभुजी रखा था. अपना घर आश्रम में इनका सेवा एवं उपचार नियमित जारी रहा जिससे 6 माह के अंदर ही इन्होंने अपने परिवार का पता बता दिया. 

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अपना घर की पुर्नवास टीम के सहयोगी चंडीगढ निवासी सुभाष शर्मा द्वारा इनके परिवार की खोज की गई और स्वरन सिंह के परिजनों से सम्पर्क कर बताया गया कि आपका भतीजा स्वरन सिंह अपना घर आश्रम भरतपुर में रह रहे हैं.

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