Pushkar Mela 2025: 'नागराज' के शरीर पर राजस्थानी संस्कृति की झलक, 'बादल' के चारपाई वाले डांस ने किया हैरान; पुष्कर मेले में दिखे अनोखे ऊंट

Pushkar camel fair: पुष्कर मेले में सीकर का ऊंट "बादल" और झुंझुनू जिले के भाकरा गांव का ‘नागराज’ भी चर्चा का विषय है. दोनों सांचौरी नस्ल के ऊंट हैं.

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'नागराज' अनोखी सुंदरता, जबकि 'बादल' ऊंट डांसिंग स्टाइल के लिए मशहूर है.

World largest camel fair in Rajasthan: पुष्कर मेले में कई ऊंट आकर्षण का केंद्र बन हुए हैं. सीकर से आए शिशुपाल फौजी का ऊंट "बादल" सांचौरी नस्ल का है. शाही साज-सज्जा और डांसिंग स्टाइल के लिए मशहूर ऊंट की काफी चर्चा है. बादल ने चारपाई पर डांस कर दर्शकों का दिल जीत लिया. दो पैरों पर उछल-कूद करते ऊंट को देखकर हर कोई हैरान है. वहीं, झुंझुनू जिले के भाकरा गांव का ऊंट ‘नागराज' भी आकर्षक है. 7 साल के इस ऊंट के शरीर पर राजस्थान की लोक संस्कृति और कलात्मक परंपरा को बारीकी से उकेरा गया है. इन ऊंटों को देखने वाले पर्यटक भी मोहित हो गए और इनके साथ तस्वीरें खिंचवाते नजर आ रहे हैं. मालिकों के लिए यह ऊंट उनके परिवार के सदस्य जैसे हैं और हर बार ही मेले में आते हैं.

ऊंट को सजाने में लगते हैं 6 घंटे

शिशुपाल फौजी बताते हैं कि 'बादल' को सजाने में पूरे 5 से 6 घंटे का वक्त लगता है. इस ऊंट ने पिछली “ऊंट सजाओ प्रतियोगिता” में पहला पुरस्कार भी जीता था. बादल की उम्र 9 साल है और इसकी देखरेख परिवार के सदस्य खुद करते हैं. बादल को सजाने में 101 आर्टिफिशियल ज्वेलरी आइटम्स का इस्तेमाल किया गया है. इसमें गोरबंद, लटकन, झालरें, झूमर, कुड़ी से सजी कोठा, गर्दन गिरबान, नकेल, पट्टा और फूलों की गोडीया शामिल हैं.

चारपाई वाला डांस देखने के लिए जुटी भीड़

इस ऊंट की सजावट के लिए खास रंग-बिरंगी डोरी और मखमली कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि धूप में इसकी चमक दूर से ही नजर आए. हर साल नए डिजाइन और पैटर्न तैयार किए जाते हैं, जिससे बादल की पहचान बाकी ऊंटों से बिल्कुल अलग बनी रहती है. चारपाई पर डांस करते बादल को देखने वाले लोगों का जमावड़ा लग गया. बादल को VIP शादियों और सांस्कृतिक आयोजनों में भी सजाकर ले जाया जाता है, जिससे उसके मालिक शिशुपाल को अच्छी खासी आमदनी मिलती है.

‘नागराज' की अद्भुत नक्काशी ने चौंकाया

झुंझुनू जिले के भाकरा गांव का नागराज ऊंट भी संचोरी नस्ल का है. ऊंट के शरीर पर सजी राजस्थान की सांस्कृतिक झलक को देखने के लिए पर्यटक और फोटोग्राफर जुटे रहे. पूरे शरीर पर अद्भुत नक्काशी और पनिहारी, जिराफ, हाथी, घोड़ा समेत तमाम सुंदर आकृतियां उकेरी हुई है. इस खास तरीके से उसे तैयार करने के पीछे 25 दिन की मेहनत भी है. ऊंट मालिक सागर बताते है कि अपनी अनोखी सुंदरता और कलात्मक डिज़ाइन के चलते कई VIP शादियों और पशु प्रतियोगिताओं में इनाम जीत चुका है.

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