पुष्कर मेला 2025 का भव्य समापन, देसी-विदेशी महिलाओं की रस्साकशी प्रतियोगिता बनी आकर्षण का केंद्र

Pushkar Fair 2025 Ends: क्लोजिंग सेरेमनी में विदेशी नागरिकों और स्थानीय दर्शकों ने एक साथ आकर ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य किया और पुष्कर मेला 2025 के समापन को यादगार बना दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
रोमांचक मुकाबला: देसी महिलाओं की दो मिनट की जीत का विदेशी महिलाओं ने लिया 3 मिनट में बदला
NDTV Reporter

Rajasthan News: रेत के धोरों और ऊंटों की कतारों के बीच लगने वाले विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेला 2025 का बुधवार को शानदार समापन हो गया है. मेले के अंतिम दिन आयोजित क्लोजिंग सेरेमनी (समापन समारोह) ने खेल, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मैत्री का अद्भुत संगम पेश किया, जिसका मुख्य आकर्षण देसी और विदेशी महिला प्रतिभागियों के बीच हुआ रस्साकशी का रोमांचक मुकाबला रहा.

देसी महिलाओं का शुरुआती दबदबा

यह पारंपरिक खेल पुष्कर मेले के समापन समारोह में आकर्षण का केंद्र बन गया. पहली पारी में, राजस्थान की ग्रामीण महिलाओं से बनी देसी टीम ने जबरदस्त ताकत और असाधारण तालमेल का प्रदर्शन किया. ग्रामीण महिलाओं ने अपनी पारंपरिक शक्ति और मिट्टी से जुड़े होने का प्रमाण दिया और महज 2 मिनट के भीतर ही विदेशी टीम को खींचकर अपनी ओर कर लिया. जैसे ही देसी महिलाओं ने रस्सी अपनी ओर खींची, पूरा मैदान तालियों और जयघोषों से गूंज उठा. इस जीत के बाद मेला देखने आए ग्रामीण पुरुष और महिलाएं खुशी से झूम उठे और विजेता टीम को बधाइयां दी गईं.

विदेशी महिलाओं की जबरदस्त वापसी

पहली पारी हारने के बाद भी विदेशी महिलाओं की टीम का जोश कम नहीं हुआ, बल्कि उनमें जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. विदेशी टीम ने हार को चुनौती देते हुए दूसरी पारी में पूरे उत्साह और अद्वितीय टीम भावना के साथ मुकाबला किया. करीब 3 मिनट तक चले कड़े संघर्ष में, विदेशी टीम ने शानदार वापसी करते हुए देसी टीम को चौंका दिया और रस्सी को अपनी ओर खींच लिया. विदेशी टीम की जीत के साथ ही मैदान में उत्साह का माहौल छा गया. पशुपालन विभाग के अधिकारियों और विदेशी समर्थकों ने तालियां बजाकर टीम की हौसला-अफजाई की. विदेशी प्रतिभागियों ने अपनी इस जीत को अविस्मरणीय अनुभव बताया और भारतीय संस्कृति से जुड़ने की खुशी व्यक्त की.

संयुक्त विजेता और खेल भावना का संदेश

दो पारियों के रोमांचक मुकाबले के बाद जब परिणाम बराबर रहा, तो आयोजकों ने खेल भावना और मैत्री के संदेश को आगे बढ़ाते हुए दोनों टीमों को संयुक्त विजेता (Joint Winner) घोषित किया. प्रतियोगिता के बाद, देसी और विदेशी महिलाओं के बीच सौहार्द और खेल भावना का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला. दोनों टीमों की महिलाओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर जीत-हार भूलते हुए फेयर प्ले का संदेश दिया. पशुपालन विभाग के अधिकारियों और आयोजकों ने संयुक्त विजेता घोषित करते हुए दोनों टीमों को सम्मानित किया.

Advertisement

ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर किया डांस

क्लोजिंग सेरेमनी में विदेशी नागरिकों और स्थानीय दर्शकों ने एक साथ आकर ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य किया और पुष्कर मेला 2025 के समापन को यादगार बना दिया. यह आयोजन न सिर्फ पशु व्यापार और धार्मिक आस्था का केंद्र रहा, बल्कि यह साबित किया कि खेल और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती.

ये भी पढ़ें:- पुष्कर मेले में GST टीम ने डाला डेरा, कहां ब‍िक रहा करोड़ों का घोड़ा? देखने पहुंचे अध‍िकारी

Advertisement