Pushkar Fair 2023: सरकार के इस फैसले से लौटेगी पुष्कर मेले की रौनक, व्यापारियों के खिले चेहरे

Pushkar Mela 2023: लगभग 15 दिन तक चलने वाले इस मेले में शुरुआती 10 दिनों में पशुओं की खरीद-फरोख्त होती है, और बाद के 5 दिनों में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

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फाइल फोटो.

Ajmer News: राजस्थान के पुष्कर क्षेत्र में दिवाली के तुंरत बाद विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पशु मेला आयोजित होता है, जो कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है. लगभग 15 दिन तक चलने वाले इस मेले में शुरुआती 10 दिनों में पशुओं की खरीद-फरोख्त होती है, और बाद के 5 दिनों में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इस मेले में दुनिया भर से पर्यटक पहुंच रहे हैं. यह मेला एक तरह से राजस्थान में पर्यटन सीजन की शुरुआत करता है. यहां घोड़े, गाय, भैंस, ऊंट, बैल आदि पशुधन का अच्छा व्यापार होता है.

पशुओं में बीमारी का असर तो खत्म हो ही गया है. साथ ही, सरकार ने घोड़ों के पुष्कर मेले में आने पर लगी रोक भी हटा दी है. इसके चलते मेले में इस बार पशुपालकों द्वारा खरीद-बिक्री के लिए अधिक तादाद में पशुओं को लाने की उम्मीद है, जिससे मेला गुलजार  होने लगा है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में राजस्थान सहित अलग-अलग राज्यों से भी पर्यटक पहुंच रहे हैं और अपने पसंद के अनुसार कपड़े, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और एंटीक आइटम खरीद रहे हैं. एनडीटीवी राजस्थान ने अंतरराष्ट्रीय पुष्कर बाजार का निरीक्षण किया तो पाया यहां पर पुष्कर का प्रसिद्ध  मालपुए पर्यटको को काफी पसंद आ रहे हैं.

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भारत का बचा हुआ एक मात्र ब्रह्मा मंदिर

ब्रह्मा मंदिर को जगतपिता ब्रह्मा मंदिर भी कहा जाता है, जो पुष्कर झील के पास स्थित है. ये देश का एकलौता बचा हुआ ब्रह्मा मंदिर है. इस मंदिर को 14वीं शताब्दी में बनाया गया था. यहां की अनूठी वास्तुकला देखने लायक होती है. पूजा स्थल के अंदर, गर्भगृह में ब्रह्मा के चित्र सुशोभित हैं. विवाहित पुरुषों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है, क्योंकि यह स्थान केवल तपस्वियों या संन्यासियों के लिए आरक्षित है. भगवान ब्रह्मा को समर्पित, सबसे महत्वपूर्ण त्योहार यहां अक्टूबर और नवंबर के महीनों के दौरान आयोजित किया जाता है.

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विदेश तक जाते हैं पुष्कर के गारमेंट्स

तीर्थराज पुष्कर अपने धार्मिक महत्व से ही नहीं, बल्कि यहां की गारमेंट्स कारोबार से भी विदेश में अपनी पहचान रखता है. पुष्कर में गारमेंट्स का बड़े पैमाने पर काम होता है. यहां के बने गारमेंट्स की डिमांड विदेश तक में है. यूरोप के कई देशों के अलावा अमेरिका, ब्राजील और इजरायल में पुष्कर के बने गारमेंट काफी पसंद किए जाते हैं. यानी पुष्कर से सात समंदर पार से आने वाले विदेशी पर्यटकों का केवल पर्यटन और आध्यात्मिक संबंध ही नहीं है, बल्कि व्यापारिक संबंध भी है. यहां विदेश से बड़े व्यापारी गारमेंट का डिजाइन देकर आर्डर देते हैं और यहां की फैक्ट्रियों में ऑर्डर के मुताबिक वस्त्र तैयार होते हैं.

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