Rajasthan: झालावाड़ स्कूल हादसे पर राहुल गांधी का बयान, बोले- मामले की जांच हो और दोषियों को मिले कड़ी सजा

Rahul Gandhi: उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा, "मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्जर स्कूलों की शिकायतों को सरकार ने अनदेखा किया, जिसके कारण इन मासूमों की जान गई है."

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Rahul Gandhi on school building collapse: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने झालावाड़ स्कूल हादसे की जांच और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया कि राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से कई मासूम बच्चों की मौत और कई अन्य का घायल होना बेहद दुखद और चिंताजनक है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्जर स्कूलों की शिकायतों को सरकार ने अनदेखा किया, जिसके कारण इन मासूमों की जान गई है. राहुल गांधी ने सवाल पूछा, "इनमें से अधिकांश बच्चे बहुजन समाज के थे- क्या BJP सरकार के लिए उनकी जान की कोई कीमत नहीं है? इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए."

खड़गे बोले- यह बेहद शर्मनाक और दर्दनाक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी घटना को बेहद दर्दनाक और शर्मनाक घटना बताया. उन्होंने कहा, "जो सरकार शिकायतों के बावजूद हमारे बच्चों के स्कूलों की छतें नहीं बनवा सकती, वह देश के भविष्य के लिए 'विकसित भारत' के बड़े-बड़े सपने दिखाती है. पिछले दिन की एक खबर के अनुसार, दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित एक स्कूल में पानी इतना भर गया था कि शिक्षकों को खुद नर्सरी के बच्चों को सुरक्षित जगह पर ले जाना पड़ा." साथ ही जोधपुर की भी एक खबर का जिक्र किया, जहां स्कूल की इमारत इतनी जर्जर हो गई है कि बच्चे नीम के पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं.

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पुल गिरना, सड़कों में दरारें, ये सब बात- कांग्रेस अध्यक्ष

उन्होंने आरोप लगाया कि विकास का बखान करने वाली भाजपा ने देश को बर्बाद कर दिया है. पुल गिरना, रेल दुर्घटनाएं, नई बनी सड़कों में दरारें, उद्घाटन के बाद महापुरुषों की मूर्तियों का क्षतिग्रस्त होना - ये सब आम बात हो गई है. भाजपा का ध्यान केवल एक ही चीज़ पर केंद्रित है - सत्ता की भूख!

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प्रियंका गांधी ने भी की जांच की मांग

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी दुख जाहिर करते हुए पूछा कि रिपोर्टों के अनुसार, जर्जर इमारत के संबंध में गंभीर लापरवाही के कारण मासूम बच्चों की जान चली गई. मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. कंक्रीट, ईंटों और पत्थरों के स्लैब ऊंचे-ऊंचे ढेर में रखे गए थे और घबराए हुए माता-पिता और शिक्षकों सहित कई लोगों ने बचाव कार्य में मदद की. मलबे के ढेर में बच्चों को ढूंढकर बाहर निकाला.

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