Rajasthan News: राजस्थान समेत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक पार्टी के नाम पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था. राजनीतिक पार्टी की आड़ में ब्लैकमनी को व्हाइट मनी करने का मामला सामने आया है. जिसमें 271 करोड़ की लेनदेन का खुलासा हुआ है जो महज 3 साल के अंदर हुआ. चंदे के खेल के लिए राजनीतिक पार्टी केवल कागजों पर थी. जिसमें एक नेटवर्क काम कर रहा था. पुलिस ने पहले मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की. लेकिन बाद में इसके तार राजस्थान के भीलवाड़ा से जुड़े मिले, जिसके बाद जांच भी शुरू हुई. वहीं बुधवार (13 अगस्त) को भीलवाड़ा आई तीन टीमों ने विजय सिंह, पथिक नगर और आजाद नगर सहित तीन स्थानों पर कार्रवाई की गई है.
मजेदार बात यह है कि बिना चुनाव लड़े, केवल कागजों पर 'नेशनल सर्व समाज' नाम से बनी पार्टी तीन साल में 271 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े मामला सामने आया है. भीलवाड़ा में तीन स्थानों पर ताबड़तोड़ छापे मारे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित मुख्य पदाधिकारी भीलवाड़ा के ही निवासी हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारी के शामिल होने की भी चर्चा है, जिससे शहर में हड़कंप मच गया है.
पहले भी 300 करोड़ की आयकर चोरी का आया था मामला
बोगस राजनीतिक दलों पर कार्रवाई की शुरुआत जुलाई माह से हुई थी. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भोपाल आयुक्त आयकर विभाग में एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी की ऑफिस पर छापा मारा जहां पर राजनीतिक दलों के चंदे के तार भीलवाड़ा से जुड़े निकले थे. उसे समय राजस्थान प्रदेश में करीब 300 करोड़ के आयकर चोरी के मामले सामने आए थे. जुलाई माह में कथित का की तीन आवास वोट करने पर छापेमारी हुई थी जिसमें 300 करोड़ से ज्यादा का आयकर चोरी राजनीतिक दलों के नाम पर दिए चंदे में की गई थी. मध्य प्रदेश के बाद इस बार उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद आयकर आयुक्त कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद भीलवाड़ा में जांच शुरू हुई.
यूपी में मिले भीलवाड़ा से जुड़े तार
आयकर विभाग की टीम सबसे पहले पार्टी के रजिस्टर्ड मुख्यालय, जो कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में है, पर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला. जब पार्टी के पदाधिकारियों की कुंडली खंगाली गई तो उनके तार भीलवाड़ा से जुड़े पाए गए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास व्यास, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार जोशी और सचिव कमलेश आचार्य के भीलवाड़ा में होने की बात सामने आई. जयपुर और अजमेर की टीमों ने यहां दबिश दी. विभाग ने विकास व्यास के विजय सिंह पथिक नगर, दीपक कुमार जोशी के आटूण स्थित गुर्जरों की गली और कमलेश आचार्य के आजाद नगर पर जांच चल रही है.
ब्लैकमनी कैसे होता था व्हाइटमनी
आईटी की कार्रवाई में सामने आया कि चंदे के खेल के लिए भीलवाड़ा के एक वकील की अगुवाई में पार्टी बनाई गई. जिसका नाम नेशनल सर्व समाज पार्टी' रखा गया. पार्टी का इस्तेमाल टैक्स चोरी के लिए किया जा रहा था. मगर आई टी नजर से धांधली करने वाले बच नही सके. आखिर उनके आवास पर टीम ने छापा मार ही दिया. पार्टी का टेक्स चोरी का एक सुरक्षित रास्ते के तौर पर किया जा रहा था. शातिर दिमाग लोग करोड़ों रुपए का चंदा पार्टी को देते थे और इसकी पक्की रसीद प्राप्त कर लेते थे. इस रसीद के आधार पर वे आयकर में बड़ी छूट का दावा कर फर्जी रिफंड उठा लेते थे. बाद में पार्टी अपना कमीशन काटकर बाकी की रकम दानदाता को वापस लौटा देती थी.
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