राजस्थान में चुनाव से पहले सरकार का बड़ा फैसला, संविदा पर कार्यरत कर्मी होंगे नियमित

राजस्थान में चुनाव की घोषणा से पहले गहलोत सरकार बड़ी घोषणाएं कर रही हैं. गुरुवार को सरकार ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए संविदा कर्मियों को नियमित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी.

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राजस्थान सीएम अशोक गहलोत.

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासी सरगर्मी तेज हो चली है. हालांकि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में सरकार भी अलग-अलग वोट बैंक को लुभाने के लिए कई स्कीम और घोषणाएं कर रही हैं. गुरुवार को सीएम अशोक गहलोत ने महत्वकांक्षी मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट जारी किया. साथ ही उन्होंने गिग वकर्स के लिए 5000 रुपए देने की घोषणा की. इससे इतर गुरुवार को राजस्थान सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया. यह फैसला प्रदेश के संविदा कर्मियों का भविष्य बदलने वाली है.  

दरअसल गुरुवार को राजस्थान सरकार ने संविदा पर कार्यरत 10,528 कर्मियों को नियमित करने के लिए नये पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है. एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में 'राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022' के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत 10528 कर्मियों को नियमित करने के लिए नये पदों के सृजन को मंजूरी दी है.

साथ ही मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत कार्यरत नौ वर्ष या इससे अधिक का कार्यानुभव रखने वाले संविदा पर कार्यरत कर्मियों के लिए 4966 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है.

बताया गया कि ये पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे. नवसृजित पदों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 1698, ग्राम रोजगार सहायक के 1548, डाटा एंट्री सहायक के 699, लेखा सहायक के 622, एम.आई.एस. मैनेजर के 159, सहायक के 150, समन्वयक (अभिसरण एवं मूल्यांकन) के 48, समन्वयक (आई.ई.सी./प्रशिक्षण/पर्यवेक्षण) के 40 तथा प्रोग्रामिंग एवं एनालिसिस विशेषज्ञ व प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ का एक-एक पद शामिल हैं.

इसके अलावा गहलोत ने राजस्थान मदरसा बोर्ड में भी नौ साल अधिक का कार्यानुभव रखने वाले कर्मियों को नियमित करने के लिए संविदा पदों के स्थान पर 5562 पदों के सृजन का फैसला किया है. चुनाव से पहले सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय लागू होने पर इन संविदा कर्मियों को नियमित कर्मियों जैसा वेतनमान और अन्य सभी सुविधाएं मिलेंगी.

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