Rajasthan News: राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. जयपुर पुलिस के रिस्पॉन्स टाइम के दावे एक बार फिर कटघरे में हैं. राज्य के राजकॉप एप (RajCop Citizen) और 112 इमरजेंसी सेवा (Dial 112) पर पिछले 7 महीने में ही 21 हजार महिलाओं को मदद की गुहार लगानी पड़ी है. आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं हैं.
जयपुर साउथ से सबसे ज्यादा कॉल्स
जयपुर साउथ से सबसे ज्यादा 9,121 कॉल्स आईं हैं. यानी हर दिन करीब 43 महिलाओं को पुलिस की जरूरत पड़ी है. जयपुर वेस्ट से 2,211 और ईस्ट से 1,534 कॉल्स दर्ज हुईं हैं. अकेले महिला थाना नगर में 2,190 केस सामने आए हैं.
पुलिस तंत्र के दावे खोखले
पुलिस तंत्र के दावे उस समय खोखले लगते हैं, जब यह सामने आता है कि 33% महिलाओं को मदद के लिए 15 से 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा है. 10% मामलों में तो यह वक्त 20 से 40 मिनट तक पहुंच गया है. यह तब है जब इमरजेंसी सेवाओं को तत्काल रिस्पॉन्स के लिए प्रचारित किया जा रहा है.
कुछ जिलों में बेहद कम कॉल्स
दूसरी और पाली, कोटा, सिरोही, भीलवाड़ा और जोधपुर सिटी जैसे जिलों से बेहद कम कॉल्स आईं. पाली से केवल 505, जबकि कोटा सिटी से मात्र 418 कॉल्स रजिस्टर हुईं.
राजस्थान के नए डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने 3 जुलाई को पदभार संभालते हुए कहा था, 'वह राजस्थान को पुलिसिंग में एक मॉडल राज्य बनाएंगे. इसके लिए वह हर कोशिश करेंगे. वह चाहते हैं कि लोगों को ऐसी पुलिस सेवा दे सकें, जिससे लोगों को हर तरह से मदद की जाए. अगर कोई थाने पर पहुंचे तो उसकी हर संभव मदद की जाए. न्याय दिलाना हमारा पहला काम होगा. इसके लिए पुलिस सेवा में सुधार किये जाएंगे. इसके लिए जवाबदेही भी तय की जाएगी. अपराध पर रोक पुलिस की वरियता होगी और महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा.'
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