Bikaner News: राजस्थान में शिक्षा विभाग ने इस बार सख़्ती दिखाते हुए ऐसा कदम उठाया है जिसके जरिए लम्बे अरसे से डेप्यूटेशन पर जमे टीचर्स को वापिस अपने मूल पदों पर जाना होगा. विभाग ने प्रदेश के 39 शिक्षकों के डेप्यूटेशन को रद्द कर दिया है. ये सभी शिक्षक शिक्षा विभाग से वेतन तो ले रहे थे लेकिन कार्य अन्य विभागों में कर रहे .इसके बाद अब इन शिक्षकों को तुरंत कार्यमुक्त कर शिक्षा विभाग में लौटने का निर्देश दिया गया है. यह कार्रवाई शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है.
शिक्षा विभाग से वेतन और MWO में कार्य
इन 39 शिक्षकों में से 37 कई सालों से विभिन्न जिलों में एमडब्ल्यूओ कार्यालयों में कार्यरत थे. इस सूची में बीकानेर जिले के तीन शिक्षक भी शामिल हैं, जबकि भरतपुर और कोटा के कलेक्टर कार्यालयों में तैनात दो शिक्षकों को भी विभाग ने वापस बुला लिया है.
कितने शिक्षक कहां पर थे
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग: 37 शिक्षक
भरतपुर कलेक्टर कार्यालय: 1 शिक्षक
कोटा कलेक्टर कार्यालय: 1 शिक्षक
राज्य सरकार निर्देशों के तहत जारी किया नोटिस
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने यह आदेश राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देशों के तहत जारी किया है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य में शिक्षा सुधारों की मांग तेज है. हाल ही में, 3 अगस्त को शिक्षा विभाग ने 612 प्रिंसिपलों का भी तबादला किया था. अन्य विभागों में कार्यरत शिक्षकों का डेपुटेशन रद्द करना इसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है.
कई शिक्षक वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे
गौरतलब है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मदरसा बोर्ड जयपुर और जिला स्तर पर स्थित मदरसा कल्याण कार्यालयों में कई शिक्षक वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे. इनमें वरिष्ठ अध्यापक, तृतीय श्रेणी अध्यापक और शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) तक शामिल हैं, जो खेल के मैदान में बच्चों को प्रशिक्षण देने के बजाय फाइलों के ढेर पर बैठे थे. इन सभी को अब तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर शिक्षा विभाग में वापस लौटने के निर्देश दिए गए हैं.
इन्हें उन स्थानों पर भेजा जाएगा जहां नहीं हैं कोई भी टीचर
विभागीय आदेश के अनुसार, कार्यमुक्त हुए इन शिक्षकों को संबंधित जिले के संयुक्त निदेशक (शिक्षा) और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रिपोर्ट करना होगा. इसका उद्देश्य यह है कि शिक्षकों की सेवाएं अब उन स्थानों पर उपयोग में लाई जा सकें जहां उनकी वास्तविक आवश्यकता है.