Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास कूकस के किसान जल संरक्षण का मॉडल पेश कर रहे हैं. फॉर्म पॉन्ड बनाकर किसान सालभर खेती के लिए पानी बचा रहे हैं. और अपनी आमदनी भी बढ़ा रहे हैं. राजधानी जयपुर से 40 किलोमीटर दूर अरावली पर्वतमाला की तलहटी में बसे कचरवाला गांव के 75 किसान परिवार खेती में सिंचाई के पानी के लिए आत्मनिर्भर बन रहे हैं. किसान खेत में फार्म पॉन्ड बना बरसात के पानी का संग्रहण कर रहे हैं.
यहां के रहने वाले किसान बाबूलाल के पास 5 बीघा जमीन है. उनके परिवार में 11 सदस्य है जिनका निर्वहन इसी जमीन पर निर्भर है. पानी की कमी के चलते केवल पारंपरिक फसलें ही उगा पाते थे. साथ ही, खेती के लिए ट्यूबवेल चलाना पड़ता है, जिसमें भी अब पानी कम आने लगा है. इससे मेहनत के मुताबिक परिणाम नहीं मिल पाते थे. फार्म पॉन्ड बनने से उनका बिजली पर व्यय कम हो रहा है साथ ही वे सालभर फसलें कर पा रहे हैं.
जयपुर के 73% इलाके में भूजल ही पानी का एकमात्र स्रोत
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार जयपुर में हर साल भूजल का 222 प्रतिशत है. यानी हर साल जितना ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता है, उससे दोगुना से अधिक भूजल की खपत हो जाती है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 दशकों में जयपुर में 49% बारिश बढ़ी है. इसके बावजूद ग्राउंड वाटर का लेवल घटता जा रहा है. वजह है पेयजल के साथ- साथ सिंचाई के लिए भूजल के पानी पर निर्भरता. रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर के 73% इलाके में भूजल ही पानी का एकमात्र स्रोत है.
IIT खड़गपुर से पासआउट युवा विप्र गोयल की मुहिम
फार्म पॉन्ड बनाने से ग्राउंड वाटर लेवल भी बढ़ने की उम्मीद है. इस मुहिम को चलाने के पीछे IIT खड़गपुर से पासआउट युवा विप्र गोयल है. वे इससे पहले दौसा में भी ये प्रोजेक्ट कर चुके हैं. इसके साथ ही किसानों को खेती और पानी के सही इस्तेमाल के लिए शिक्षित करने के प्रयास भी करते हैं.
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