Rajasthan: पाली में बांडी नदी के प्रदूषण, मौक़े पर पहुंची सुप्रीम कोर्ट की कमेटी; गंदगी देख कर हुए नाराज़ 

Pali News: निरीक्षण के दौरान टीम ने कई जगहों से रंगीन पानी के सैंपल भी लिए. जस्टिस लोढ़ा ने सीईटीपी के पदाधिकारियों और कलेक्टर से स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसी स्थिति में उद्योगों को चलने दिया जा सकता है क्या?

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Pali Bandi River: पाली में बांडी नदी के प्रदूषण को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं. नदी की खराब होती स्थिति का जायजा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टीम पिछले दो दिनों से पाली के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में निरीक्षण कर रही है.आज सेवानिवृत्त जस्टिस संगीत लोढ़ा अपनी टीम के साथ पाली पहुंचे. करीब तीन घंटे चले इस निरीक्षण में उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों, ट्रीटमेंट प्लांट्स और नदी के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया तथा मौके पर ही अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई.

सुबह जस्टिस संगीत लोढ़ा अपनी टीम के साथ निरीक्षण पर निकले. सबसे पहले उन्होंने रोटरी क्लब के पास बह रही बांडी नदी की स्थिति देखी. नदी में गंदगी और दूषित पानी देखकर वे काफी नाराज दिखे.इसके बाद टीम मंडिया रोड पर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट नंबर 1 और 2 के पास पहुंची. यहां प्लांट के पीछे बह रही बांडी नदी में उतरकर उन्होंने खुद हालात का जायजा लिया.

गंदगी देख कर भड़के जस्टिस लोढ़ा

नदी किनारे पड़े अपशिष्ट और जगह-जगह जमा गंदगी देखकर जस्टिस लोढ़ा ने अधिकारियों से सख्त लहजे में सवाल किए, ''यह कचरा यहां क्यों पड़ा है? जिम्मेदार कौन है और अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?'' निरीक्षण के दौरान टीम ने कई जगहों से रंगीन पानी के सैंपल भी लिए. जस्टिस लोढ़ा ने सीईटीपी के पदाधिकारियों और कलेक्टर से स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसी स्थिति में उद्योगों को चलने दिया जा सकता है क्या?

''हालात संतोषजनक नहीं हैं''

उन्होंने कहा, ''मैं पूरा बेल्ट घूमकर आया हूं, लेकिन हालात संतोषजनक नहीं हैं.'' जस्टिस लोढ़ा ने नगर निगम के सीटीपी प्लांट का भी निरीक्षण किया और नगर निगम आयुक्त नवीन भारद्वाज से पूछा कि वर्तमान में उद्योगों द्वारा ट्रीटेड पानी का कितना उपयोग हो रहा है. जवाब मिला कि पिछले लगभग एक साल से उद्योग यह पानी नहीं ले रहे हैं. सीईटीपी फाउंडेशन के सचिव चोपड़ा ने कारण बताया कि पानी की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण उद्योगों ने इसे लेना बंद कर दिया है.

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सुबह जस्टिस संगीत लोढ़ा अपनी टीम के साथ निरीक्षण पर निकले.

''किसानों ने भी जस्टिस लोढ़ा के सामने अपनी पीड़ा रखी''

पुनीत औद्योगिक क्षेत्र और ट्रीटमेंट प्लांट नंबर 6 के निरीक्षण के दौरान नालों की हालत तथा पास में जमा स्लज देखकर जस्टिस लोढ़ा ने गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने सीईटीपी पदाधिकारियों से कहा,''मैं यह नहीं कहता कि किसान जो कह रहे हैं वह सौ फीसदी सही है, लेकिन कभी नेहड़ा बांध जाकर स्थिति देखिए.'' मौके पर मौजूद किसानों ने भी जस्टिस लोढ़ा के सामने अपनी पीड़ा रखी. किसानों का कहना था कि वे फैक्टरियों के विरोध में नहीं हैं, लेकिन बांडी नदी का पानी इतना दूषित हो चुका है कि उनके खेत बर्बाद हो रहे हैं.

नेहड़ा बांध तक पहुंच रहा रंगीन पानी

नेहड़ा बांध तक पहुंच रहा रंगीन पानी इस बात का सबूत है कि चोरी-छुपे नदी में दूषित पानी छोड़ा जा रहा है.किसानों और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ ट्रीटमेंट प्लांट्स से अवैध पाइपलाइन के जरिए रंगीन पानी नदी में डाला जा रहा है. नदी किनारे कुछ फैक्टरियों के पीछे छिपाकर पाइप डाले गए हैं. इस पर जस्टिस लोढ़ा ने निर्देश दिए कि नदी किनारे खुदाई करवाई जाए, ताकि पता लग सके कि किसी फैक्ट्री ने गुप्त पाइपलाइन तो नहीं बिछा रखी है.

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