Ajmer News: किशनगढ़ में एक वकील की गिरफ्तारी ने राजस्थान की राजनीति और कानून व्यवस्था को गरमा दिया है. वकील बालकिशन सुनारिया की गिरफ्तारी के विरोध में अजमेर जिले के सभी वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य से बहिष्कार कर दिया. वकीलों ने पहले अजमेर में जनरल हाउस आयोजित किया, उसके बाद कोर्ट परिसर से बाहर निकलकर विरोध रैली निकाली. रैली के दौरान वकील कलेक्टरेट पहुंचे, जहां बैरिकेट्स तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया गया.
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने वाटर कैनन और फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पानी की बौछार कर भीड़ को पीछे हटाया. इस कार्रवाई से वकील और अधिक नाराज हो गए और बिना ज्ञापन दिए ही लौट गए.
पुलिसकर्मियों को निकलवाया कोर्ट परिसर के बाहर
इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस और वकीलों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. कोर्ट परिसर में पुलिस की भारी तैनाती को लेकर वकीलों ने नाराजगी जताई और जनरल हाउस से पहले ही सभी पुलिसकर्मियों को परिसर से बाहर निकाल दिया गया. वकीलों ने चेतावनी दी कि पुलिस अब कोर्ट परिसर में प्रवेश न करे.
क्या हैं वकीलों की मांगे ?
अजमेर जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने बताया कि वकील तीन मुख्य मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं—थानाधिकारी भीकाराम काला को बर्खास्त किया जाए, पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और वकीलों की अन्य मांगों पर तत्काल कार्रवाई हो.
उन्होंने आरोप लगाया कि किशनगढ़ में पुलिस ने वकील बालकिशन के साथ अमानवीय व असंवैधानिक व्यवहार किया, जिससे अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है. फिलहाल, वकील अपने विरोध पर अड़े हुए हैं और पुलिस के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं.
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