Rajasthan Artificial Rain Drone Project: राजस्थान में ड्रोन से कृत्रिम बारिश कराए जाने के लिए होने वाले खर्च पर बवाल शुरू हो गया है. कांग्रेस और बीजेपी के नेता कृत्रिम बारिश पर खर्च को लेकर आमने-सामने दिख रहे हैं. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने हाल ही में इस बारिश के लिए कथित रूप से 300 करोड रुपए खर्च होने का जिक्र किया था. इधर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने डोटासरा को जवाब देते हुए कहा कि तीन करोड़ को 300 करोड़ करने की गणित या तो कांग्रेस जानती है या गोविंद डोटासरा.
'कृत्रिम बारिश की क्या जरूरत'
कृत्रिम बारिश कराए जाने की चर्चा भले ही देश के अलग-अलग हिस्सों में है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए होने वाले खर्चे पर सवाल उठाए हैं. मीडिया से बातचीत में पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में तो इस बार वैसे ही अच्छी बारिश हुई है. पीसीसी चीफ ने कहा कि प्रकृति की बारिश जब अच्छी है, तो कृत्रिम बारिश करने की क्या जरूरत थी?
अमेरिकी कंपनी ने 250 करोड़ का दिया था प्रस्ताव
उधर डोटासरा के 300 करोड़ के आंकड़े पर पलटवार करते हुए कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कांग्रेस की गणित पर ही सवाल उठा दिए. किरोड़ी ने कहा कि बड़े पैमाने पर कृत्रिम बारिश के लिए अमेरिका की कंपनी ने 250 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया था, लेकिन फिलहाल सरकार ने कोई टेंडर नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरीके से फ्री है और इस पर सरकार का कोई पैसा नहीं लग रहा.
डोटासरा पर किरोड़ी लाल ने ली चुटकी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के बयान पर चुटकी लेते हुए किरोड़ी ने कहा कि तीन करोड़ को 300 करोड़ करने का गणित या तो कांग्रेस पार्टी जानती है या फिर गोविंद डोटासरा. उन्होंने कहा कि डोटासरा को इतनी लंबी लंबी झूठ नहीं बोलनी चाहिए.
कृत्रिम बारिश कराने के लिए हालांकि पिछले दिनों एक कोशिश की गई थी, लेकिन बादलों की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका. पिछली बार की कोशिश में 400 फीट तक ही की ऊंचाई तक ही ड्रोन उड़ाने की अनुमति थी. अब फिर से एक सितंबर को ड्रोन के जरिए कृत्रिम बारिश करने की कोशिश होगी. मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि अबकी बार 10000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति भी सिविल एविएशन मंत्रालय से मिल गई है.
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