Election Result: सलूंबर में त्रिकोणीय मुकाबला, BAP बिगाड़ेगी भाजपा-कांग्रेस का गणित! समझें पूरा समीकरण

Rajasthan Politics: सलूंबर विधानसभा में अब तक हुए चुनाव के इतिहास को देखें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही हमेशा से टक्कर होती आई है. लेकिन गत राजस्थान विधानसभा चुनाव में पूरा गणित बिगड़ गया है. क्योंकि भारत आदिवासी पार्टी ने चुनाव में एंट्री मारी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Salumber Assembly By-Election  Result : राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों की मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी. इसमें उदयपुर के सलूंबर विधानसभा सीट पर अमृत लाल मीणा 3 बार से विधायक थे, उनके निधन के बाद यहां उपचुनाव हुआ. अब 22 राउंड की काउंटिंग के बाद नतीजे सामने आएंगे. लेकिन रुझानों की बात करें तो धीरे-धीरे सामने आते जाएंगे. उदयपुर में हर बार कला महाविद्यालय में काउंटिंग होती है. लेकिन सिर्फ एक सीट के ही होने के कारण शहर के बीच स्थित फतह उच्च माध्यमिक विद्यालय में काउंटिंग होगी. 

सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतेजाम

काउंटिंग के लिए निर्वाचन विभाग से तैयारियां की बात करे तो उप जिला निर्वाचन अधिकारी दीपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मतगणना के लिए गणना स्थल पर तैयारियां पूरी कर ली है. मतगणना स्थल पर अधिकारियों, गणना कार्मिकों, राजनैतिक दलों के गणना एजेंट सभी की अलग-अलग एंट्री बनाई गई है.

डाक मत पत्रों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी. इसके लिए 2 टेबल लगाई है. वहीं ईवीएम से गणना के लिए 14 टेबल लगाई हैं. सलूंबर विधानसभा की गणना 22 राउंड में पूरी हो जाएगी. वहीं पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. प्रवेश के लिए मैटल डिटेक्टर से जांच की जाएगी. 

सलूंबर विधानसभा उपचुनाव के दौरान चुनाव मैदान में 6 प्रत्याशी हैं.  296 मुख्य और 6 सहायक बूथों पर कुल मिलाकर 67.7 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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भाजपा और कांग्रेस का गणित बिगड़ेगी भारत आदिवासी पार्टी 

भारत आदिवासी पार्टी की तरफ से जितेश कटारा चुनाव में खड़े हुए थे, जिन्हें 52000 वोट मिले. इसके बाद से पार्टी लगातार अपना वर्चस्व बढ़ाने में लगी हुई है. इस उपचुनाव में ही एक बार फिर जितेश कटारा मैदान में हैं, जो भाजपा-कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं.

भाजपा का पलड़ा भारी !

भारतीय जनता पार्टी से 3 बार विधायक रहे दिवंगत अमृत लाला मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को मैदान में उतारा है. भाजपा लगातार तीन बार से जीतती आ रही हैं उससे पार्टी का कांफिडेंस हाई है. वहीं शांता देवी को मैदान में उतारने से सहानुभूति वोट मिलने की संभावना है. यहां भाजपा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है.

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कांग्रेस को हो सकता है फायदा !

वहीं कांग्रेस से पार्टी ने रेशमा मीणा को मैदान में उतरा हैं, पूर्व हुए चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर रेशमा मीणा बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ी थी. ऐसे में रेशमा मीणा को एक चुनाव का अनुभव है. इनके साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी के बड़े आदिवासी चहरे पूर्व सीडब्ल्यूसी रघुवीर सिंह मीणा साथ थे, हालांकि टिकट कटने से नाराजगी जताई थी. लेकिन बाद में चुनाव में जुट जिससे रेशमा को फायदा मिल सकता है.

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