Rajasthan Election 2023: भीलवाड़ा में भाजपा को बागियों पर भरोसा, पितलिया-भड़ाना के नाम पर कहीं खुशी कहीं गम

भीलवाड़ की दो विधानसभा सीटों से बीजेपी ने इस बार जिन दो प्रत्याशियों को टिकट दिया उनकी पहचान कट्टर गौ भक्त के रूप में होती है. इतना ही नहीं, गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins

Bhilwara News: भारतीय जनता पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से ज्यादा भरोसा बागियों पर है. इसी का प्रमाण सोमवार शाम भाजपा द्वारा जारी 41 प्रत्याशियों की सूची में देखने को मिला, जब भीलवाड़ा जिले की दो विधानसभा सीटों (माण्डल और सहाड़ा) पर 2018 के बागी प्रत्याशियों लादू लाल पितलिया और उदयलाल भड़ाना को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया. दोनों ही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कई नेता-कार्यकर्ता टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन भाजपा को कार्यकर्ताओं और नेताओं की बजाय बागियों पर पर भरोसा जताना ज्यादा ठीक लगा. इसलिए दोनों बागी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं.

बात यदि जिले की सहाड़ा विधानसभा की करें तो यहां हुए उपचुनाव में आपसी खींचतान के चलते भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा था. इतना ही नहीं, बीते सप्ताह भाजपा के एक दर्जन से अधिक टिकट चाहने वालों ने बैठक कर पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने सहाड़ा से पितलिया के अतिरिक्त किसी दावेदार को भी टिकट मिलने पर पूर्ण रूप से समर्थन करने का मन बनाया था. लेकिन पार्टी ने कार्यकर्ताओं के मन की बात को अनसुना कर पितलिया को ही उम्मीदवार बना दिया. ऐसे में सहाड़ा विधानसभा सीट कहीं ना कहीं फिर से गुटबाजी और विवादों में गिरती नजर आ रही है. 

Advertisement

माण्डल विधानसभा में पूर्व मंत्री एवं वसुंधरा सरकार में विधानसभा के मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर का टिकट इस बार माण्डल से काटा गया है, और किसी अन्य स्थान से टिकट देने में फिलहाल पार्टी मूड में नहीं है. लेकिन 2018 के चुनाव में उनकी हार का कारण बने बागी उदयलाल भड़ाना को पार्टी ने अपना अधिकृत प्रत्याशी जरूर घोषित कर दिया है, जिनके कारण भाजपा को दोनों सीटो पर हार का सामना करना पड़ा. उन दोनों चेहरों को इस बार मैदान में उतारना भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की सोच से परे है.

Advertisement

सहाड़ा-रायपुरा विधानसभा चुनाव 2018 में ये था समीकरण:-

सहाड़ा-रायपुर सीट से लादूलाल पितलिया ने 2018 के चुनाव में भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 30576 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश त्रिवेदी को 65420 व भाजपा के रूपलाल जाट ने 58414 वोट प्राप्त किए थे. पितलिया और जाट के बिगड़े समीकरण के चलते यह सीट कांग्रेस की झोली में गई थी.

Advertisement

माण्डल विधानसभा 2018 में ये था समीकरण:- 

माण्डल विधानसभा सीट से वर्ष 2018 के चुनाव में पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर को 47726 मत मिले थे. बागी उदय लाल भडाणा को 23147 मत मिले थे, जबकि रामलाल जाट यहां से महज 8065 मत से जीते थे. हालांकि कांग्रेस के बागी प्रद्धूमन सिंह ने यहां से 51580 मत हासिल किए थे. भड़ाना को बगावत करने के आरोप में पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित भी किया था, लेकिन 2021 में उनकी फिर से पार्टी में वापसी हुई थी.

कौन है लादूलाल पितलिया?

क्षैत्र में इनकी पहचान गौ भक्त सेवाभावी के रूप में है. क्षेत्र के विकास कार्यों में इनका निजी योगदान व आमजन तक शानदार पकड़ है. उतना ही बाहरी होने का ठप्पा और भाजपा जनप्रतिनिधियों का प्रबल विरोध भी.

कौन है उदयलाल भड़ाना?

कट्टर हिंदू गौ भक्त, युवाओं में खासी लोकप्रियता. ट्रांसपोर्ट व्यवसायी. कभी पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर के करीबी रहे हैं. माण्डल के गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है.