सचिन पायलट (Sachin Pilot) को उन्हीं का गढ़ कहे जाने वाले टोंक (Tonk) शहर में घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) गुर्जर कार्ड को पैराशूट फार्मूले के तौर पर इस्तेमाल कर रही है. इसी के चलते पार्टी ने पायलट के सामने एक साथ 3 गुर्जर नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है. लेकिन जिस तरह से टोंक में सियासी समीकरण बदल रहे हैं उसे देखकर लगता है कि यही पैराशूट गुर्जर कार्ड अब बीजेपी की नींद उड़ा सकता है.
विजय बैंसला को टिकट देने का विरोध
टोंक की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर पर जैसे ही बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में गुर्जर नेता विजय बैंसला (Vijay Bainsla) का नाम आया, इस क्षेत्र से सभी दावेदार एकजुट होकर इसका विरोध करने लगे. सोशल मीडिया से शुरू हुआ विरोध सड़क पर आ पहुंचा. लोग हाथों में बैनर लिए बैंसला को टिकट मिलने का विरोध करने लगे और फिर जयपुर कूच कर गए है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कहीं पायलट को घेरने कि कोशिश में खुद बीजेपी ही तो नहीं घिरती जा रही है?
एक भी BJP गुर्जर विधायक नहीं जीता
बताते चलें कि 2018 के चुनाव में सचिन पायलट के गुर्जर कार्ड का कांग्रेस ने जमकर फायदा उठाया था. इसी के चलते पायलट टोंक में 54 हजार से ज्यादा वोटों से जीतने वाले पहले विधायक बन गए थे, और कांग्रेस ने गुर्जर बाहुल्य मतदाताओं वाली देवली-उनियारा और निवाई सीट पर जीत हासिल की थी. यही नहीं, टोंक जिले से जुड़ती विधानसभाओं चाकसू, सवाई माधोपुर, हिंडोली, केकड़ी, जहाजपुर में भी सचिन पायलट के गुर्जर कार्ड का प्रभाव देखने को मिला था. इन सीटों पर कांग्रेस ने ने जीत हासिल की थी. पायलट का प्रभाव ऐसा था कि पूरे राजस्थान में भाजपा का एक भी गुर्जर विधायक नहीं जीत सका था. ऐसे में इस बार भाजपा इसी गुर्जर कार्ड से सचिन पायलट को और कांग्रेस को घेरने निकल पड़ी है, पर अब खुद ही घिरती नजर आ रही है.
पार्टी ने बाहरी नेता को मैदान में उतारा
भाजपा की पहली सूची में भले ही भाजपा ने सचिन पायलट को टोंक में घेरने के लिए और गुर्जर मतदाताओं को साधने के लिए गुर्जर नेता कर्नल बैंसला के बेटे विजय बैंसला को देवली-उनियारा से टिकट देने की घोषणा की हो. लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने अब इसका विरोध जताना शुरू कर दिया है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताने के लिए देवली-उनियारा से जयपुर कूच कर दिया है, जहां भाजपा प्रदेश कार्यालय जाकर यह कार्यकर्ता प्रदेश नेतृत्व के सामने अपनी बात रखेंगे. कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है कि भाजपा ने बाहरी पैराशूट उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिसका देवली-उनियारा की जमीन से कोई नाता नहीं है.