Rajasthan Election 2023: पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी का BJP को अल्टीमेटम, बोले- '16 दिन में टिकट नहीं बदला तो निर्दलीय लडूंगा चुनाव'

शुक्रवार रात अपने एक संबोधन के दौरान बीजेपी प्रत्याशी दानाराम चौधरी अपने आंसू नहीं रोक पाए. उन्होंने रोते-रोते सांसद देवजी पटेल पर विश्वासघात के आरोप लगाए और जीवाराम के साथ जयपुर कूच का ऐलान किया.

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जीवाराम चौधरी (फाइल फोटो)

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की सांचौर विधानसभा सीट से सांसद देवजी पटेल (Devji Patel) को बीजेपी प्रत्याशी बनाए जाने के बाद शुरू हुआ सियासी बवाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी (Jivaram Choudhary) ने बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए 30 अक्टूबर तक टिकट वापस लेने के लिए कह दिया है. विधायक का कहना है कि अगर बीजेपी उनकी बात नहीं मानती है तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और भारतीय जनता पार्टी के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़े हो जाएंगे.

सांचौर सीट पर जीवाराम का वर्चस्व

सांचौर विधानसभा क्षेत्र में जीवाराम एक जननेता के तौर पर माने जाते हैं. वर्ष 2003 के बाद से हुए चार विधानसभा चुनावों में जीवाराम ने इस सीट से दो बार निर्दलीय और दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा है. भाजपा ने पहली बार 2003 में जीवाराम को टिकट दिया था. उस चुनाव में कांग्रेस के हीरालाल विश्नोई को करीब 45 हजार वोटों से हराकर जीवाराम जीत गए थे. लेकिन बीजेपी ने 2008 में जीवाराम का टिकट काटकर मिलापचंद जैन को दे दिया. इसके बाद नाराज जीवाराम ने बीजेपी से बागी होते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस के सुखराम विश्श्नोई को हराकर विधायक बने. इस चुनाव में बीजेपी का प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था. 2013 में एक बार फिर से बीजेपी ने जीवाराम चौधरी को टिकट दिया, लेकिन इस बार चौधरी कांग्रेस के सुखराम विश्श्नोई से चुनाव हार गए. 2018 में बीजेपी ने सांचौर विधानसभा से दानाराम चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन एक बार फिर से जीवाराम ने निर्दलीय के तौर पर ताल ठोक दी. बीजेपी की आपसी फूट का फायदा कांग्रेस को मिला और सुखराम विश्श्नोई चुनाव जीत गए.

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सांसद से सुलह कराकर दोनों का टिकट काटा

दरअसल, 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जीवाराम के साथ ही दानाराम भी पिछले 5 साल से सियासी जमीन तैयार कर रहे थे. ऐसे में एकजुटता का अभाव न हो इसीलिए दोनों नेताओं को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया. यहां वे सांसद देवजी पटेल से मिले. करीब 3 दिन तक हुईं कुछ मीटिंग्स के बाद ये तय हुआ कि दोनों नेता एक साथ होकर चुनाव लड़ेंगे और एक दूसरे का साथ देंगे. इसके बाद दोनों नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की और फिर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से उनके निवास पर मिलकर संकट का समाधान होने की पुष्टी की. लेकिन पार्टी ने दोनों में से किसी भी नेता को टिकट नहीं दिया, और सांसद पटेल को उम्मीदवार बना दिया.

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मंच पर रोने लगे दानाराम चौधरी

शुक्रवार रात अपने एक संबोधन के दौरान पूर्व बीजेपी प्रत्याशी दानाराम चौधरी रोने लगे. इस दौरान उन्होंने मंच से बीजेपी सांसद देवजी पटेल पर विश्वासघात करने के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि वे जीवाराम चौधरी के साथ जयपुर जाएंगे. हमारे हजारों की संख्या में समर्थक भी हमारे साथ कूच करेंगे.

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