Sachin Pilot Nomination: टोंक में बढ़ी हलचल, आज नामांकन दाखिल करने जाएंगे सचिन पायलट, हजारों की संख्या में जुटेंगे समर्थक

टोंक विधानसभा से वर्तमान में सचिन पायलट विधायक हैं. मुस्लिम, गुर्जर, माली और एससी मतदाता बाहुल्य इस सीट का इतिहास पिछले कई सालों से यही रहा है कि जिस दल का विधायक इस सीट से चुना जाता है, राजस्थान में उसी दल की सरकार बनती है.

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आज टोंक में नामांकन दाखिल करेंगे कांग्रेस विधायक सचिन पायलट.

Sachin Pilot Nominations News: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) आज टोंक विधानसभा सीट (Tonk Assembly Seat) से नामांकन भरने वाले हैं. इसके लिए कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित पायलट समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने उम्मीद जताई है कि पायलट के नामांकन जुलूस में भारी भीड़ उमड़ेगी और 2018 से ज्यादा भीड़ भी आएगी. साथ ही इस चुनाव में पायलट अपनी 54 हजार वोटों की जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ देंगे.

पूजा अर्चना के बाद नामांकन

मंगलवार सुबह टोंक पहुंचने के बाद सचिन पायलट सबसे पहले गुर्जर होस्टल में अपने पिता की प्रतिमा का माल्यार्पण करेंगे. उसके बाद वे मंशापूर्ण भूतेश्वर महादेव मंदिर (Bhuteshwar Mahadev Mandir) में पूजा अर्चना करने जाएंगे, और फिर सवाई माधोपुर चौराहे से नामांकन जुलूस की शुरुआत होगी. ये जुलूस मुख्य बाजार से होते हुए पटवार ट्रेनिग सेंटर तक जाएगा, जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पायलट पर्चा दाखिल करेंगे. जानकारी के अनुसार, सचिन पायलट के नामांकन जुलूस में आज पायलट समर्थक नेता विधायक गजराज खटाना, विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, विधायक राम निवास गावरिया, मंत्री मुरारी लाल मीणा, विधायक मुकेश भाकर और विधायक हरीश चंद्र मीणा शामिल हो सकते हैं.

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'जुलूस के साथ चुनाव परिणाम'

सचिन पायलट ने टोंक विधानसभा से 2018 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था और उस चुनाव में भाजपा ने पूर्व घोषित अजीत मेहता का टिकट बदलकर यूनुस खान को चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन 2018 के चुनाव में सचिन पायलट ने 54 हजार 179 वोटों से जीत दर्ज करके टोंक सीट पर इतिहास बनाया. यह टोंक के इतिहास की अब तक किसी भी विधायक की सबसे बड़ी जीत थी. अब देखना यह होगा कि मुस्लिम अल्पसंख्यक और गुर्जर बाहुल्य मतदाताओं वाली इस सीट पर सचिन पायलट क्या 2018 वाला जलवा फिर से दोहरा पाएंगे? जबकि अब टोंक में नगर परिषद सभापति ओर पंचायत समिति प्रधान भी कांग्रेस से हैं. ऐसे में पायलट पहले ही आह्वान कर चुके हैं कि 31 तारीख को नामांकन जुलूस के साथ ही चुनाव परिणाम नजर आ जाना चाहिए. ऐसे में पायलट की भीड़ जुटाने वाली अपील का कैसा असर रहेगा, ये देखने वाली बात होगी. फिलहाल अभी तक भाजपा टोंक से सचिन पायलट के सामने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है.

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भाजपा की टोंक में गुर्जर तिकड़ी

भाजपा इस बार सचिन पायलट के प्रभाव को असरदार नहीं होने देना चाहती. 2018 में हुए नुकसान को एक सबक के रूप में लेते हुए आगे बढ़ रही भाजपा ने टोंक जिले में पायलट के खिलाफ अपनी गुर्जर तिकड़ी (सुखबीर सिंह जौनापुरिया, रमेश बिधूड़ी और विजय बैंसला) को मैदान में उतारा है. क्योंकि 2018 में गुर्जरों के सचिन पायलट के पक्ष में समर्थन और मतदान का आलम यह रहा कि पूरे राजस्थान में भाजपा का एक भी गुर्जर विधायक नहीं बन सका और जितने भी टिकट दिए गए, वह सब हार गए. बस इसी से सबक लेने को भाजपा ने खास रणनीति तैयार की है. अब देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी टोंक में सचिन पायलट को कितना घेर पाती है. क्योंकि मुस्लिम, गुर्जर, माली और एससी मतदाता बाहुल्य इस सीट का इतिहास पिछले कई सालों से यही रहा है कि जिस दल का विधायक इस सीट से चुना जाता है, राजस्थान में उसी दल की सरकार बनती है.

टोंक में कुल कितने मतदाता?

आंकड़ों पर गौर करें तो टोंक में लगभग 2 लाख 51 हजार 878 मतदाता हैं. इनमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 62 से 63 हजार के बीच है. अनुसूचित जाति (बैरवा, रेगर, खटीक, कोली, हरिजन वह अन्य जातियां) के करीब 45 से 48 हजार मतदाता हैं. गुर्जर मतदाओं की संख्या 35 से 36 हजार के बीच है. इसी तरह लगभग 17 से 19 हजार के बीच माली, 15 से 16 हजार के बीच ब्राह्मण, 1 से 14 हजार के बीच जाट, लगभग 11 हजार वैश्य-महाजन, लगभग 6 हजार राजपूत मतदाता हैं. अन्य जातियों के यहां लगभग 32 हजार वोटर्स हैं. वहीं एसटी के मतदाताओं की संख्या लगभग 12 से 13 हजार के बीच है.