Rajasthan Politics: आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश, विपक्ष ने किया वॉकआउट

Rajasthan Vidhansabha: मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने आरोप लगाया कि तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उनका आरोप है कि सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है.

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Rajasthan Vidhan Sabha: राजस्थान विधानसभा में आरएलडी विधायक डॉ. सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया गया. विधायक ने भरतपुर में अतिक्रमण से जुड़ा मुद्दा उठाया था. इसी मामले में सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई. मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने आरोप लगाया कि तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उनका आरोप है कि सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है. मुख्य सचेतक ने कहा कि यह पूरा मामला निराधार और असत्य है. प्रस्ताव पेश होने पर विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया और सदन में नारेबाजी के बीच वॉकआउट कर दिया.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 24 फरवरी को सुभाष गर्ग ने लोहागढ़ किले के रहवासियों से जुड़े मुद्दे को सदन में उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने स्थानीय लोगों को नोटिस जारी किए हैं. इससे वहां दहशत का माहौल है और हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. मुख्य सचेतक ने इस दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा कि ना तो इतने नोटिस जारी हुए हैं, ना ही किसी तरह का डर है. वहीं, सदन में पेश होने के बाद प्रस्ताव समिति को भेज दिया गया है.

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विधायक ने की लोगों में डर बनाने की कोशिश- मुख्य सचेतक

जोगेश्वर गर्ग ने आरोप लगाया कि यह सरकार की छवि खराब करने की कोशिश है, जो विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से इस प्रस्ताव पर संज्ञान लेने की मांग की.  

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उन्होंने सदन को जानकारी देते हुए बताया, "भरतपुर जिला प्रशासन द्वारा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया. लोहागढ़ किले के अंदर रह रहे लोगों को कोई नोटिस नहीं मिला. डॉ. गर्ग ने असत्य तथ्यों को सदन में पेश कर लोगों में डर और अफरा-तफरी का माहौल बनाने की कोशिश की." मुख्य सचेतक ने यह भी कहा कि डॉ. गर्ग द्वारा सदन को गुमराह करने का प्रयास किया गया है, जो सदन की अवमानना के दायरे में आता है. उन्होंने इसे विशेषाधिकार हनन का गंभीर मामला बताते हुए कार्रवाई की मांग की. 

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मुख्य सचेतक ने इस दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा कि ना तो इतने नोटिस जारी हुए हैं, ना ही किसी तरह का डर है. यह सरकार की छवि खराब करने की कोशिश है, जो विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है.

विधानसभा में सुभाष गर्ग ने दी सफाई 

विधानसभा में जवाब देते हुए सुभाष गर्ग ने कहा कि उनके बयान को जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिसों पर सवाल उठाया था, जिसमें आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट भी शामिल है. स्थानीय लोगों की परेशानियों के वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, जिन्हें मैंने सबूत के तौर पर पेश किया है. अगर इतने सालों बाद लोहागढ़ फोर्ट में सड़कें चौड़ी की जा रही हैं तो वहां के रहवासियों की स्थिति पर सवाल उठाना गलत कैसे हो सकता है?

विपक्ष का आरोप- यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई

मुख्य सचेतक के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा अगर सत्ता पक्ष इस तरह से विपक्ष को दबाने की कोशिश करेगा, तो फिर हम अपनी बात कैसे रख पाएंगे? यह विपक्ष की आवाज को कुचलने का प्रयास है.

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