राजस्थान ATS के जवानों ने प्लंबर बन कर किया ऑपरेशन, हाईटेक नकल गिरोह के दो सरगना गिरफ्तार 

जांच में सामने आया कि दोनों अभियुक्त पेशे से इंजीनियर हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद नकल कराने का धंधा शुरू किया. जनवरी में जयपुर में हुई नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की एग्री ट्रेनी भर्ती परीक्षा में कंप्यूटर रिमोट से हैक कर पेपर सॉल्व कराने की साजिश इन्होंने रची थी.

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राजस्थान एटीएस और एनटीएफ ने भर्ती परीक्षा घोटाले में फरार चल रहे दो बड़े आरोपियों को दबोच लिया है. लगातार तीसरे दिन अपराधियों के खिलाफ हुई कार्रवाई में एटीएस ने 25-25 हजार के इनामी अभियुक्तों को पकड़ा. गिरफ्त में आए आरोपी जोगेंद्र सिंह और परमजीत सिंह हाईटेक नकल गिरोह के सरगना बताए जा रहे हैं.

एटीएस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि ऑपरेशन Abs Victor और ऑपरेशन जॉली के तहत हरियाणा के गुड़गांव सेक्टर-37 के एक फ्लैट में दबिश दी गई, जहां प्लंबर बनकर पहुंचे एटीएस जवानों ने दोनों को मौके पर गिरफ्तार किया. उस समय आरोपी महाकाल मंदिर से दर्शन कर लौटे ही थे.

हाईटेक तरीके से करवाते थे नकल

जांच में सामने आया कि दोनों अभियुक्त पेशे से इंजीनियर हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद नकल कराने का धंधा शुरू किया. जनवरी में जयपुर में हुई नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की एग्री ट्रेनी भर्ती परीक्षा में कंप्यूटर रिमोट से हैक कर पेपर सॉल्व कराने की साजिश इन्होंने रची थी. इसके बाद दोनों फरार हो गए थे.

आरोपी दिल्ली और जयपुर में लैब संचालित कर चुके हैं और कई ऑनलाइन परीक्षाओं में धांधली की. कोचिंग संचालकों के जरिए अभ्यर्थियों से 1.5 से 8 लाख रुपये तक वसूले जाते थे. पूछताछ में दर्जनों परीक्षाओं में फर्जी पास कराने का खुलासा हुआ है.

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लगातार बदलते रहे ठिकाना

एटीएस ने बताया कि दोनों आरोपी पिछले नौ महीने से फरार थे. कभी तीन दिन से ज्यादा एक जगह नहीं ठहरे और मोबाइल नदी में फेंककर राहगीरों के फोन से ही संपर्क करते थे. आखिरकार इनकी महिला मित्र के जरिए सुराग मिला और दस दिन की निगरानी के बाद गिरफ्तारी हुई. एटीएस ने खुलासा किया कि गिरोह ने TATA, APTECH, CDAC, NSEIT और GINGER जैसी कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट लेकर लैब किराए पर दीं और वहीं से परीक्षाओं में नकल कराई जाती थी.