Rajasthan: राजस्थान का ये जिला साइबर अपराधियों का बन गया था अड्डा, IG ने अपराधियों की तोड़ी कमर; आलीशान मकान पर चलवाए बुलडोजर

Rajasthan: भरतपुर के डींग जिले का मेवात साइबर अपराध का नया गढ़ बना हुआ है. यहां के ठग नए-नए ट्रेंड के साथ धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

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Cyber Fraud Special Story: भरतपुर के डीग जिले का मेवात साइबर अपराध का गढ़ माना जाता है.यहां के ठगों ने देश का कोई भी राज्य नहीं छोड़ा है, जहां उन्होंने ठगी न की हो. जैसे-जैसे सोशल मीडिया का चलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ठग नए-नए ट्रेंड के साथ धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हाल ही में एक ठग के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया है. इनके माध्यम से ठगी के रुपयों से आलीशान मकान बनाये गये हैं. लेकिन इन साइबर ठगों की कमर तोड़ने का काम भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में चलाए जा रहे एंटीवायरस अभियान ने किया है. इस अभियान के तहत ठगी से कमाए गए धन से सरकारी जमीन पर मकान बनाने वाले ठगों पर बुलडोजर चलाकर उनके मकान ढहाए जा रहे हैं. इससे साइबर ठगों में भय का माहौल है.

नए-नए तरीके अपनाकर बनाते हैं लोगों को अपना शिकार

नए-नए तरीके अपनाकर बनता है लोगों को अपना शिकार

सबसे पहले स्थानीय ठगों द्वारा नकली सोने की ईंटों के नाम पर ठगी की शुरुआत की गई. इसके बाद ये ठग ओएलएक्स पर सक्रिय हो गए. फिर इसके जरिए ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपना शिकार बनाते रहे हैं. ये लोग पेटीएम, फोन पे, गूगल पे के जरिए अपना ठगी का धंधा चला रहे हैं. इसके अलावा ये लोगों को बीमारी के नाम पर फोन करके, फोन पर रिश्तेदार बनकर, खाते में पैसे ट्रांसफर करने के नाम पर, ग्राहक सेवा नंबर खोजकर और कॉल करके, सोशल मीडिया पर कार, स्पीड बाइक, महंगे फोन आदि बेचने के नाम पर. बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर. केवाईसी अपडेट करने के बहाने. कम ब्याज पर और तुरंत ऋण देने का लालच देकर. रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन एनीडेस्क, टीम व्यूअर आदि डाउनलोड करने पर. व्हाट्सएप मैसेज पर लॉटरी का लालच देकर. ऑनलाइन सामान बुक करने के नाम पर. व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करके, पीड़ित की फोटो को अश्लील वीडियो के साथ मॉर्फ करके उसके परिचितों को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग के नाम पर ठगी करते हैं.

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राजनेता और आईपीएस अधिकारी को भी बना चुके है अपना शिकार
 

जानकारी के अनुसार, डीग जिले के कुतकपुर गांव का एक युवक सबसे पहले साइबर ठगी करते हुए पकड़ा गया. उसने पुलिस को बताया था कि यह काम उसने बाहर से सीखा है. इसके बाद से मेवात क्षेत्र में साइबर ठगी का जाल बढ़ता गया और यहां के लोगों ने इस अपराध को अपना धंधा बना लिया. अब स्थिति यह है कि पिता-पुत्र और भाई जंगलों में बैठकर धोखाधड़ी करते हैं. ताकि उन्हें आसानी से पकड़ा न जा सके.

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साइबर जालसाजों का गिरोह बहुत बड़ा है, करीब 77% लोग ऐसे हैं जो अपराध कर रहे हैं. देश का कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जिसके लोगों को इन साइबर अपराधियों ने ठगा न हो. आम आदमी के साथ-साथ इन लोगों ने राजनेताओं और आईपीएस अधिकारियों को भी अपना शिकार बनाया है.

 

आईजी राहुल प्रकाश की मुहिम से लगी साइबर ठगों पर लगाम

वहीं, धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर स्थानीय पुलिस के माध्यम से अभियान चलाकर साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में 1 मार्च 2024 से साइबर अपराधियों के खिलाफ एंटीवायरस अभियान चलाया गया, जिसके चलते इस अपराध में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली. इसका असर यह हुआ कि फरवरी माह में 19 प्रतिशत तथा जून माह में 5 प्रतिशत की कमी आई. इसके साथ ही, इस अवधि में जिले में साइबर धोखाधड़ी के 148 मामले दर्ज किए गए और 567 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया. इन गिरफ्तारियों में इनके पास से कार, बाइक, एटीएम कार्ड, मोबाइल, सिम समेत कई सामान बरामद हुए हैं.इसके साथ ही एंटीवायरस अभियान के तहत 6 से अधिक साइबर अपराधियों के घरों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है. साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी से कमाए पैसों से वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर मकान बना लिए. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने इन अपराधियों की पहचान कर उनके घरों को ध्वस्त कर दिया है और आगे की कार्रवाई जारी है.

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डीग जिले में मामलों का आंकड़ा

डीग जिले का आंकड़ा

डीग जिले की बात करें तो 3 मार्च 2024 से 18 जुलाई 2024 तक 131 मामले दर्ज हुए है. जिनमें 486 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें 70 बाल अपचारी है. इसके पास से 45 लाख 12 हजार 530 रुपए की ठगी की जा चुकी है. 907 मोबाइल फोन,1325 मोबाइल सिम,276 एटीएम कार्ड,10 माइक्रो एटीएम, 9स्वैप मशीन,40 टू व्हीलर,29 फॉर व्हीलर,10 लैपटॉप, 1टैबलेट,6 कंप्यूटर,72 बैंक पासबुक,1 कैश काउंटिंग मशीन,7 वेपन्स,12 कार्ट्रिज,3 फेक गोल्ड ब्रिक्स आदि बरामद हुआ है.

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