Rajasthan SP Phone Tapping Case: राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज का सोमवार (10 फरवरी) को अंतिम दिन था. भिवाड़ी की महिला एसपी की जसूसी मामले में राजस्थान की महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा, "कार्यकाल के दौरान एक महिला आईपीएस को इंसाफ नहीं दिला पाई, इसकी मेरे मन में हमेशा टीस रहेगी. पद पर नहीं हूं तो क्या हुआ. मैं भिवाड़ी की महिला एसपी को न्याय दिलाकर रहूंगी. मेरे पास सारे सबूत हैं. जब राजस्थान में महिला पुलिस अफसर के ही फोन टैप हो रहे हैं तो आम आदमी का क्या होगा."
महिला आयोग ने तीन बार डीजीपी को लिखा लेटर
रेहाना रियाज ने कहा, "भिवाड़ी महिला एसपी की फोन टैपिंग का मामला आया तो महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान में लिया. डीजीपी को तीन बार लेटर लिखा, जब जवाब नहीं आया तो दो बार रिमांइडर भी भेजा. जवाब आया कि इसकी जांच की जा रही है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एसपी ऑफिस से क्षेत्र में निकल जाती थीं. कभी आने में देरी हो जाती थी, इसलिए उन्हें सर्विलांस पर रखा था. हलांकि, मामला महिला आयोग के संज्ञान में था, इसलिए दबाया नहीं जा सका. मलाल इस बात का है कि मेरा कार्यकाल खत्म हो गया. मैं इंसाफ नहीं दिला पाई. मैं इसकी तह तक जाऊंगी."
रेहाना रियाज ने तीन साल के अनुभव को साझा किया
रेहाना रियाज ने एनडीटीवी राजस्थान से अपने तीन साल के अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा, "3 साल के अपने कार्यकाल में 26 हजार 89 केसों का निस्तारण किया. 16 हजार 6 सौ 75 केस पेंडिंग हैं और 11 हजार 9 सौ 33 उनके कार्यकाल में आए मामले रहे. मेरे कार्यकाल में कई बार राजनीतिक और सामाजिक दबाव आए. लेकिन, मैं किसी दबाव में नहीं आई. आयोग टूल न बने, इसका भी विशेष ध्यान रखा."
जानें क्या है पूरा मामला
पुलिस के जवान महिला एसपी जेष्ठा मैत्री की जासूसी कर रहे थे. भिवाड़ी एसपी जेष्ठा मैत्री को जानकारी हुई तो उन्होंने 7 पुलिस के जवानों को सस्पेंड कर दिया था. एसपी जेष्ठा मैत्री ने कहा था, "मैं ईमानदारी से काम कर रही हूं. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे ही विभाग के लोग इस तरह से मुझे निराश करेंगे. मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि मेरे डिपार्टमेंट के लोग मेरी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं."
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