Rajasthan Borewell Rescue: राजस्थान के कोटपुतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी साढ़े तीन साल की चेतना को 19 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका. 19 घंटे से कुछ खाई भी नहीं. कैमरे में चेतना का मूवमेंट कैप्चर हो गया. बोरवेल में डाले गए कैमरे में दिक्कत आने से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है. बोरवेल में मिट्टी गिली है तो सावधानी बरतनी पड़ रही है.
बचाव टीम का कहना है कि जल्द ही रेस्क्यू कर लिया जाएगा. चेतना के माता-पिता पूरी रात ठंड में बोरवेल के पास ही बैठे रहे. जुबान से बस एक ही बात बाहर निकल रही है, "मेरी बेटी को जल्दी से निकाल लो." चेतना सोमवार (23 दिसंबर) को लगभग 2 बजे बोरवेल में गिर गई थी.
SDRF टीम चेतना का रेस्क्यू करने पहुंची
सोमवार रात करीब 1 बजे, रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक की मदद से बच्ची को बाहर निकालने का पहला प्रयास असफल रहा. NDRF के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया कि बोरवेल में बच्ची को निकालने के लिए जो रिंग डाली गई थी, वह उसके कपड़ों में उलझ गई. उसे बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन उसे बाहर खींचने में सफलता नहीं मिल रही है. इसी तकनीक का इस्तेमाल दौसा में आर्यन को बोरवेल से निकालने में किया गया था.
डॉक्टर ने बताया- बोरवेल में चेतना का सिर है नीचे की ओर
डॉक्टर ने बताया कि बच्ची का मूवमेंट दिखाई दे रहा है और वह सकुशल लग रही है. उम्मीद है कि उसे बचा लिया जाएगा. वहां ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं है, और हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है. घटना की जानकारी मिलते ही 15 मिनट के अंदर हम यहां पहुंच गए और 30-35 मिनट में ऑक्सीजन दी जाने लगी. बाद में सीसीटीवी के साथ भी हमने ऑक्सीजन भेजा.
प्रशासन और मेडिकल टीम पूरी मेहनत कर रही है. बच्ची का सिर नीचे की ओर है, उसने हाथ से दीवारों पर खुद को रोका हुआ है. उसके नीचे जगह है. हमारी कोशिश होगी कि गड्ढा खोदने की जरूरत ना पड़े और हम बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लें.
SDRF के पहुंचने से पहले 4 JCB मशीन से शुरू हुई खुदाई
4 JCB पहुंच गई है और खुदाई शुरू कर दी गई है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि SDRF के आने से पहले जितना संभव हो उनका काम आसान कर लिया जाए जिससे रेस्क्यू टीम के पहुंचते ही बचाव अभियान आरंभ कर दिया जाए.
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