Rajasthan borewell accident: "आज रात तक निकाल लेंगे"- बोरवेल में फंसी चेतना के बारे में NDRF को उम्मीद, 8 द‍िन से फंसी है बच्ची

Rajasthan borewell accident: राजस्‍थान के कोटपूतली में बोरवेल में ग‍िरी बच्‍ची को 8 द‍िन बाद भी बाहर न‍िकाला नहीं जा सका. एनडीआरएफ के अनुसार आज ऑपरेशन पूरा होने की संभावना है.

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Rajasthan borewell accident: कोटपूतली में 23 द‍िसंबर को बोरवेल में ग‍िरी तीन साल की बच्ची चेतना के बचाव अभियान में जुटे अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि बच्ची को आज रात (सोमवार, 30 दिसंबर) तक बाहर निकाल लिया जाएगा. बच्ची को न‍िकालने के ल‍िए 170 फीट की गहराई पर दो दिनों से सुरंग खोदी जा रही है रहे हैं. लेकिन गहराई पर उम्मीद से ज्यादा कठोर चट्टान की सतह के आने से उसे काटने में काफी समय लग रहा है. चेतना की कंडीशन पर प्रशासन कुछ भी नहीं बोल रहा है. ज‍िला कलेक्‍टर कल्‍पना अग्रवाल ने इसे राजस्‍थान का सबसे मुश्‍किल ऑपरेशन बताया है. चेतना के पर‍िवार वालों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. बच्‍ची को खाना पानी तक नहीं पहुंचाया जा सका है. 24 द‍िसंबर की शाम से कोई मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है. अध‍िकारी अब पर‍िजनों को व‍िजुअल और इमेज नहीं द‍िखा रहे हैं.  

8 फीट की सुरंग बनानी है, 6 फीट तक खुदाई पूरी

एनडीआरएफ प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने सोमवार की सुबह मीडिया को बताया कि चेतना जिस जगह फंसी है वहां तक पहुंचने के लिए लगभग 8 फीट तक की खुदाई होनी है और उसमें 6 फीट तक की खुदाई हो चुकी है.

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उन्होंने कहा,"हम 8 फीट दूर तक पहुंच गए, मगर दुर्भाग्य से वहां इतना सॉलिड चट्टान है कि उसकी कटाई में समय लग रहा है. हम एक-एक इंच कर आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि आज रात तक हम बच्ची को निकाल लेंगे."

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चेतना की हालत के बारे में उन्होंने कहा,"बच्ची में मूवमेंट नहीं दिखाई दे रहा, मगर बाहर निकालने के बाद मेडिकल टीम बता पाएगी."

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"जिस जगह पर सुरंग बनाई जा रही है वहां ऊपर की मिट्टी बिल्कुल लूज़ है, वहां 25-30 फीट तक मिट्टी ढीली है जो ढहने वाली मिट्टी है, उसके नीचे बजरी है, और 150 फीट के नीचे 500-700 फीट तक चट्टान है." - योगेश कुमार मीणा, एनडीआरएफ प्रभारी

सॉल‍िड रॉक की वजह से ड्रि‍ल‍िंंग में हो रही परेशानी  

इस अभियान में आ रही मुश्किलों के बारे में उन्होंने बताया, "जिस जगह पर सुरंग बनाई जा रही है वहां ऊपर की मिट्टी बिल्कुल लूज़ है, वहां 25-30 फीट तक मिट्टी ढीली है जो ढहने वाली मिट्टी है, उसके नीचे बजरी है, और 150 फीट के नीचे 500-700 फीट तक चट्टान है. "

"जहां ड्रिल‍िंग कर रहे हैं वहां पर सॉल‍िड रॉक है, इसल‍िए परेशानी हो रही है. एक समय पर तीन लोगों को रेस्‍क्‍यू के ल‍िए भेजा जा रहा है. पत्‍थर को तोड़ने के ल‍िए च‍िप‍िंग हैमर का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. तीन जवान पहला वाला च‍िप‍िंग हैमर चला रहा है. दूसरा मलबे को ऊपर भेज रहा है. तीसरा जवान सेफ्टी के ल‍िए है. उससे कम्युन‍िकेशन कर रहे हैं. सभी को सेफ्टी रोप से बांधा गया है जिसे बाहर से कंट्रोल किया जा रहा है." 

"बेस्‍ट एक्‍सपर्ट बुलाए गए हैं. खेतड़ी माइंस से इंजीन‍ियर्स बुलाकर सुरंग की एक्‍यूरेसी चेक करवाई गई है. घर बनाने वालों से बोरवेल और सुरंग की एंगल की जांच करवाई. एयरफोर्स और बीएसएफ के जवानों को बुलाकर द‍िशा की जांच करवाई." 

बच्ची की मां कर रही हाथ जोड़कर अपील

बच्ची की मां धोली देवी बचाव दल में शामिल कर्मचारियों से उसकी बेटी को बाहर निकालने की लगातार गुहार कर रही हैं. उनका एक वीडियो शनिवार को सामने आया था, जिसमें वह रोती हुई और हाथ जोड़कर बेटी को बाहर निकालने के लिये गुहार लगा रही हैं. यह वीडियो स्थानीय पुलिस और प्रशासन की मदद से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल NDRF और राज्य आपदा मोचन बल SDRF की टीमों द्वारा लगातार चलाए जा रहे बचाव अभियान के बीच सामने आया है.

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