Rajasthan Budget 2024 Expectations: 'मून सिटी' के नाम से जाना जाए बीकानेर, एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन को करें शिफ्ट, जनता ने बताई राजस्थान बजट से अपनी उम्मीदें

Bikaner's Expectations From Rajasthan Budget 2024: एनडीटीवी राजस्थान से बातचीत में बीकानेर ने जनता ने बताया है कि आगामी राजस्थान बजट से उनको क्या-क्या उम्मीदे हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान के आगामी बजट से पूर्व एनडीटीवी राजस्थान ने एक विशेष सीरिज शुरू की है, जिसमें विभिन्न जिलों में हमारे संवाददाताओं ने वहां के लोगों से ये पूछा कि बजट से उन्हें अपने क्षेत्र के लिए क्या उम्मीदें हैं. बीकानेर की अवाम इस बार भाजपा की डबल इंजन सरकार से काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. बीकानेर वैसे तो राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और राजस्थान के शुरुआती सम्भागीय मुख्यालयों में से एक है. लेकिन आजादी से पहले राज्य के ही नहीं, बल्कि देश के विकसित शहरों में शुमार था. मगर आजादी के बाद कमजोर नेतृत्व के चलते यह शहर विकास की दौड़ में पिछड़ गया. जब एनडीटीवी की टीम ने यहां के लोगों से बात की तो उनके दिल जमा गुबार बाहर निकल आया और सभी ने बीकानेर के पिछड़ेपन के लिए सभी दलों के सियासतदानों को जिम्मेदार ठहराया. 

शहर का नाम 'मून सिटी' रखे जाने की मांग

लोगों का ये कहना है कि बाद शहर होते हुए भी राजनेताओं को यहां के विकास से कोई मतलब नहीं है. चाहे शहर के बीचोबीच गुजरती रेलवे लाइन हो, चाहे एयरपोर्ट हो या दूसरे संस्थान हों. बीकानेर को अव्वल तो विकास के नाम पर कुछ मिला ही नहीं और अगर कुछ मिल भी गया तो आधा-अधूरा. यहां तक कि जैसलमेर और उदयपुर जैसे छोटे शहर पर्यटन मानचित्र पर गोल्डन सिटी और लेक सिटी नाम से पहचान रखते हैं. लेकिन बीकानेर पर्यटन की दृष्टि से बेहद खूबसूरत शहर और सुहानी रातों वाला शहर होते हुए और इसका नाम 'मून सिटी' रखे जाने की मांग भी होते हुए भी अभी तक इस पर कोई तवज्जो नहीं दी गई है.

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रेलवे स्टेशन को कहीं और शिफ्ट करने की मांग

इसके अलावा यहां की सबसे बड़ी समस्या शहर के बीच से गुजरते रेलवे फाटक हैं, जो दिन से करीब सवा सौ बार बन्द होते हैं. इसके लिए कई आन्दोलन हो चुके हैं. हर बार बजट में ये उम्मीद होती है कि इस बार तो इस समस्या का हल निकलेगा. मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात. लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन भी अब शहर के बीच में आ चुका है और रेलवे आने वाले वक्त में डबल लाइन करने जा रहा है. वर्तमान में शहर से गुजर रही रेलवे लाइन के बराबर इतनी जगह नहीं है कि दूसरी लाइन डाली जा सके. लिहाजा यहां से स्टेशन को शिफ्ट कर शहर के बाहर से रेलवे लाइन निकाली जाए और ये प्रोजेक्ट भी आने वाले सौ सालों को मद्देनजर रखते हुए बनाया जाए.

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एयरपोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग

एयरपोर्ट को लेकर भी बीकानेर की अवाम नाराज है. लोगों का कहना है कि बीकानेर सिविल एयरपोर्ट की डिफेन्स एयरपोर्ट के पास बनाया गया है, जो सुरक्षा की दृष्टि से बिल्कुल गलत है. इसके अलावा डिफेन्स के पास होने से सिविल एयरपोर्ट के पास जगह की भी कमी है. इसलिए सिविल एयरपोर्ट को भी यहां से शिफ्ट कर जयपुर रोड पर रायसर के पास बनाया जाना चाहिए.

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राजनेताओं से नाराज है बीकानेर की जनता

सभी दलों के राजनेताओं से यहां के लोग खफा हैं. उनका कहना है कि आजादी से पहले देश के विकसित शहरों में शुमार किया जाने वाला बीकानेर आजादी के बाद विकास की दौड़ में पिछड़ ही नहीं गया, बल्कि विकास से बाहर ही हो गया. इसके जिम्मेदार यहां के राजनेता हैं, जिन्होंने सिर्फ अपना स्वार्थ देखा और शहर को नजर अन्दाज किया. गौरतलब है कि बीकानेर देश के उन शहरों में शामिल है जहां सबसे पहले रेल आई थी. हवाई जहाज भी सबसे पहले बीकानेर में उड़ा था. बिजली की माकूल व्यवस्थाएं उस जमाने में इस शहर में थी, जिस जमाने में दूसरे शहर अपनी सड़कों को मशालों से रोशन किया करते थे. यहां तक कि पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन और टेलीफोन भी बीकानेर में हुआ करता था. मगर सियासी अनदेखी के चलते बीकानेर की जानबूझकर पीछे रखा गया.

हर साल बजट आता है, मगर बीकानेर के हाथ कुछ भी नहीं लगता. यहां के लोगों की आदत अब ये हो चुकी है कि बजट को कोई सीरियस नहीं लेता. बीकानेर की अवाम हर बार की तरह इस बार भी बजट से कोई ज्यादा उम्मीदें नहीं पाले हुए हैं. इस बार भी बजट को बीकानेर के लिए तो एक औपचारिकता ही समझ रही है.

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