Rajasthan Budget 2025: राजस्थान विधानसभा में भजनलाल सरकार का दूसरा पूर्ण बजट पेश किया गया. इस मौके पर निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने खास टी-शर्ट पहनी. वह "जै राजस्थान, जै राजस्थानी" का स्लोगन वाली टी-शर्ट पहनकर विधानसभा पहुंचे. वह राजस्थानी भाषा को राजभाषा और संवैधानिक मान्यता दिलाने की मांग को लेकर टी-शर्ट पहनकर पहुंचे थे. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब सदन में उन्होंने यह मांग उठाई हो. इस संबंध में वह कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं.
राजस्थानी भाषा में ही भाटी ने ली थी शपथ
उन्होंने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सदन में शपथ भी राजस्थानी भाषा में ही ली थी. दरअसल, राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए कई वर्षों से आंदोलन चल रहा है. संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने का संकल्प राजस्थान विधानसभा द्वारा 3 सितंबर 2003 को ही पारित किया जा चुका है. हालांकि इस पर फैसला केंद्र सरकार को लेना है.
मुख्य सचिव भी केंद्र को लिख चुके हैं पत्र
राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए शिक्षा मदन दिलावर की पहल पर सरकार में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था. गृह सचिव गोविंद मोहिल को पत्र लिखकर उन्होंने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की थी. उन्होंने पत्र में लिखा था कि भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में भाषाओं को सम्मिलित करने और वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने के लिए सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश में विभिन्न भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने के लिए पात्र बताया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को जारी किया नोटिस
पिछले महीने ही पदम मेहता और डॉ. कल्याण सिंह शेखावत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में नोटिस भी जारी किया था. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SLP दायर की थी. SLP में कहा गया था कि 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 4.36 करोड़ लोग राजस्थानी भाषा बोलते हैं. लेकिन उसके बाद भी रीट में राजस्थानी भाषा शिक्षण माध्यम के तौर पर शामिल नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी करते हुए प्राथमिक विद्यालयों में राजस्थानी भाषा (Rajasthani Language) में शिक्षा प्रदान करने के मुद्दे पर जवाब मांगा था.
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