भजनलाल सरकार के बजट से धौलपुर के किसानों को उम्मीदें, कृषि क्रेडिट कार्ड से लेकर फसल बीमा में राहत का इंतजार

Rajasthan Budget 2024 : धौलपुर के किसानों (Dholpur Farmers) ने बताया कि उन्हें इस बजट से क्या बड़ी उम्मीदें नजर आ रही हैं. किस तरह खेती उनके लिए लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है.

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Rajasthan Budget 2024 : राज्य सरकार के आगामी बजट को लेकर धौलपुर (Dholpur) जिले के किसानों ने अपने विचार साझा किए हैं. जुलाई में राज्य में डबल इंजन सरकार का पहला बजट पेश किया जाएगा. इसमें धौलपुर के किसानों (Dholpur Farmers) ने बताया कि उन्हें इस बजट से क्या बड़ी उम्मीदें नजर आ रही हैं. किसानों ने बताया कि खेती लगातार किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. खाद, बीज, यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों के दामों में भारी बढ़ोतरी हो रही है. इसके अलावा खेती के दूसरे उपकरणों पर भी लगातार महंगाई बढ़ रही है. इसके कारण उन्हें खेती में लागत के हिसाब से उत्पादन नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि हर मौसम में उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. बिजली कटौती से लेकर कई चीजों पर किसानों का दर्द छलका. उन्होंने बताया कि अक्सर सिंचाई के लिए बिजली की आपूर्ति समय पर नहीं मिल पाती है. जिससे खेती करने में काफी दिक्कतें आती हैं. 

बीमा का नहीं होता भुगतान

किसानों ने बताया कि सरकार के जरिए कृषि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बीमा किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार हर सीजन में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, पाला और कोहरे के कारण नष्ट हो रही फसल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, जिसके बारे में शायद इस साल के बजट में कुछ किया जाएगा, क्योंकि अधिकतर किसान ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में बीमा नहीं कराते.

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कृषि विभाग की जानकारी कागजों तक सिमटी

इसके साथ ही किसानों को कृषि विभाग की ओर से बुनियादी जानकारी मुहैया कराने से भी निराशा है. उनका मानना ​​है कि विभाग और राज्य सरकार इस काम में असफल साबित हो रही है. क्योंकि राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से किसानों के हित में जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनके बारे में सही जानकारी समय पर नहीं मिल पाती है. इसके अलावा कृषि विभाग फसल को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी नहीं देता है. विभाग के अधिकारी और कर्मचारी महज दफ्तर में बैठकर औपचारिकताएं पूरी कर रिकॉर्ड मेंटेन करते हैं.

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कालाबाजारी पर लगे रोक

किसानों ने बताया कि रबी और खरीफ की फसलों के लिए उन्हें कालाबाजारी का सामना करना पड़ता है. समय पर डीएपी और यूरिया न मिलने से फसलों की बुआई में देरी हो जाती है. बाजार में खाद, बीज, यूरिया और कीटनाशकों की जमकर कालाबाजारी हो रही है। खाद और बीज निर्धारित मूल्य से अधिक दामों पर खरीदना पड़ रहा है.

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किसने की मांग, बजट में मिले राहत

इसके अलावा किसानों ने राज्य सरकार से बजट में राहत की मांग की हैं. किसानों का कहना है कि समय पर खाद बीज यूरिया सरकार समय पर उपलब्ध कराए इसके अलावा समर्थन मूल्य निर्धारत किया जाए, वही खेती के जितने भी उपकरण हैं, उनकी रेट कम की जाए. किसान सम्मान निधि की राशि को भी बढ़ाए जाने की किसानों ने मांग की है.