Rajasthan By-Election: क्या उपचुनाव में इन तीन सीटों पर कांग्रेस देगी 'परिवार' में ही टिकट? दौसा में अपना सकती है नया फार्मूला

Rajasthan By-Election: उप-चुनाव के ऐलान होते ही टिकट के लिए कांग्रेस में दावेदारी शुरू हो गई. कांग्रेस के खाते की चार में से 3 सीटों पर परिवार के लोग ही दावा ठोंक रहे हैं.      

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जुबेर खान (बाएं), बीच में कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला और कांग्रेस सांसद मुरारीलाल मीणा (बाएं). कांग्रेस से विधायक जुबेर खान का देहांत होने की वजह से रामगढ़ सीट खाली हो गई.

Rajasthan By-Election: राजस्थान के 7 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव है. इनमें चार सीटें कांग्रेस के खाते की हैं. एक सीट पर आरएलपी, एक पर बीएपी और एक सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा. दौसा, झुंझुनू, देवली-उनियारा और रामगढ़ में कांग्रेस के विधायक रहे. खींवसर आरएलपी और चौरासी पर बीएपी के पास थी. दौसा, झुंझुनू और रामगढ़ में कांग्रेस नेताओं के परिवार के लोगों का ही नाम आगे चल रहा है.

मुरारीलाल मीणा के पत्नी और बेटी के नाम की चर्चा 

मुरारीलाल मीणा के सांसद बनने के बाद दौसा विधानसभा सीट खाली हुई है. यहां से उनकी पत्नी सविता मीणा और उनकी बेटी निहारिका का नाम चर्चा में चल रहा है. दौसा सीट पर कांग्रेस हमेशा आदिवासी उम्मीदवार उतारती रही है. भाजपा ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेलती रही है. दौसा सीट पर सबसे ज्यादा मीणा मतदाताओं की संख्या है, उसके बाद ब्राह्मण मतदाता आते हैं. मीणा वोटरों की संख्या 52 हजार है, जबकि 27 हजार ब्राह्मण वोटर हैं और 15 हजार गुर्जर वोटर हैं.  ऐसे में कांग्रेस ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने के लिए ब्राह्मण चेहरा उतार सकती है. कांग्रेस ने अगर यह फार्मूला अपनाया तो संदीप शर्मा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. संदीप को पायलट खेमे का माना जाता है, इससे मीणा और गुर्जर वोट उनकी तरफ जा सकते हैं.

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जुबेर खान के छोटे बेटे आर्यन खान को मिला सकता है टिकट 

रामगढ़ विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन की वजह से खाली हो गई थी. इस सीट पर उनके छोटे बेटे आर्यन खान का नाम चर्चा में चल रहा है.  रामगढ़ विधानसभा सीट पर कुल 2 लाख 71 हजार 117 मतदाता हैं. इस सीट पर मेव समाज की सबसे ज्यादा 80 हजार वोटर हैं. एससी 50 हजार, राजपूत 35 हजार, पंजाबी/सिख 25 हजार, जाट 15 हजार, सैनी 15 हजार, ब्राह्मण 10 हजार, बनिया 10 हजार और गुर्जर 5 हजार वोटर्स हैं. कांग्रेस का मानना है कि मेव और दलित वोट अगर कांग्रेस के पक्ष में हो जाएं तो जीत आसान होगी. क्योंकि मेव वोटों का मतदान 90 फीसदी तक हो जाता है. इसके अलावा अन्य जातियों में कांग्रेस वोट का कैडर भी है, इसलिए कांग्रेस यहां पर जुबेर परिवार को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड खेलने की मंशा रख रही है. 

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बृजेंद्र ओला का बेटा अमित ओला और बहू आकांक्षा ओला दावेदार 

झुंझुनू विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बृजेंद्र ओला विधायक रहे. बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद झुंझुनू सीट खाल हो गई थी. इस सीट पर बृजेंद्र ओला का बेटा अमित ओला और बहू आकांक्षा ओला चर्चा में हैं.  2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृजेंद्र ओला ने भाजपा के निषित चौधरी को 28,863 मतों से हराया था. भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े राजेंद्र को 42,408 वोट मिले.

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झुंझुनू में  सबसे ज्यादा 65 हजार जाट मतदाता हैं. इनके बाद मुस्लिम समाज के 45 हजार वोटर्स हैं. एससी के 40 हजार, राजपूत के 30 हजार, माली के 23 हजार, ब्राह्मण के 18 हजार, कुम्हार के 8 हजार, वैश्य के 7 हजार, खाती के 7 हजार, गुर्जर के 4 हजार, एसटी के 3 हजार 500, नाई के 2 हजार और स्वामी समाज के 1 हजार 500 वोटर्स हैं. झुंझनू सीट पर बृजेंद्र ओला परिवार कार राजनीतिक दबदबा रहा. बृजेंद्र ओला के पिता शीशराम ओला कांग्रेस से सांसद रहे. बृजेंद्र ओला जाट समुदाय से आते हैं. जाट और मुस्लिम वोटर का इस सीट पर खास प्रभाव है. ऐसे में कांग्रेस बृजेंद्र ओला परिवार से ही किसी को टिकट दे सकती है.  

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