Rajasthan By Election: राजस्थान में विधानसभा की सात सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा. वहीं चुनाव नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. कांग्रेस और बीजेपी सभी 7 सीटों पर उपचुनाव के मैदान में है. जबकि बीएपी दो और आरएलपी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. इस उपचुनाव पर सबकी निगाहें रहेंगी, क्योंकि कई सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है तो कहीं पर क्षेत्रीय दल त्रिकोणीय मुकाबला बनाकर कांग्रेस-बीजेपी का गणित बिगाड़ रहे हैं. इसके अलावा कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी कांग्रेस-बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं.
RLP-BAP को अपने गढ़ बचाने की चुनौती
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए यह उपचुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है, क्योंकि कुछ महीने पहले ही उन्होंने प्रदेश की कमान संभाली है. वहीं, लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 11 सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी. उसके कुछ महीने बाद ही यह उपचुनाव हो रहा है.
खींवसर में त्रिकोणीय मुकाबला
उपचुनाव में खींवसर सीट पर भाजपा, कांग्रेस और आरएलपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. इस सीट से कभी हनुमान बेनीवाल के करीबी रहे रेवंतराम डांगा बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस से रतन चौधरी मैदान में हैं. वहीं, हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका आरएलपी के टिकट पर ताल ठोंक रही हैं. प्रदेश एक और जाट बहुल सीट झुंझुनू पर भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र भांभू और कांग्रेस के अमित ओला के बीच सीधा मुकाबला माना जा है. अमित इस साल लोकसभा चुनाव जीतने वाले बृजेंद्र ओला के बेटे हैं. पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी इस सीट पर निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं.
चौरासी सीट पर कांटे की टक्कर
आदिवासी बहुल चौरासी सीट पर भाजपा और बीएपी उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. यह सीट विधायक राजकुमार रोत के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई थी. देवली-उनियारा और दौसा सीट पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला माना जा रहा है. हालांकि कांग्रेस के बागी नरेश मीणा ने देवली-उनियारा में कांग्रेस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. रामगढ़ और सलूंबर विधानसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी सहानुभूति कार्ड खेल रहीं है. इस सीट पर दिवंगत विधायकों के परिजनों को टिकट दिया गया है.
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