Rajasthan By Election: 'खींवसर में हारे तो सिर और मूंछें मुंडवा लूंगा' चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह का उपचुनाव को लेकर बड़ा ऐलान

राजस्थान की कुल 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से 5 सीटें विधायक के सांसद बनने के बाद खाली हुई हैं. जबकि 2 सीटें (सलूंबर और रामगढ़) विधायकों के निधन के बाद खाली हुई हैं. जिन पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.

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चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने किया बड़ा ऐलान

Rajasthan By Election: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार सोमवार शाम को थम गया. अब 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भजनलाल सरकार में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बड़ा ऐलान किया. गजेंद्र सिंह ने खींवसर में बीजेपी की जीत का दावा करते हुए कहा- 'अगर खींवसर हार गए तो मैं सिर और मूंछे मुंडवाकर चौक पर खड़ा हो जाऊंगा'. बता दें कि खींवसर सीट हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं.

आरएलपी से कनिका बेनीवाल मैदान में

हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद खींवसर सीट पर आरएलपी से उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल उपचुनाव लड़ रही हैं. वहीं, बीजेपी ने रेवंत राम डांगा को मैदान में उतारा है, जबकि रतन चौधरी कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक रही हैं. कांग्रेस प्रत्याशी रतन चौधरी पूर्व आईपीएस अधिकारी सवाई सिंह की पत्नी हैं. खींवसर सीट पर आरएलपी से कनिका बेनीवाल के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. 

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गजेंद्र सिंह किया बड़ा चैलेंज

आखिरी दिन चुनाव प्रचार पहुंचे गजेंद्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी रेवंत राम डांगा के समर्थन में खींवसर में चौराहे पर आम सभा को संबोधित करते हुए बड़ा चैलेंज किया. उन्होंने कहा कि इस बार हम चुनाव हार ही नहीं सकते. दुर्ग सिंह का नाम लेते हुए, अगर इस बार हम चुनाव हार गए तो मैं मेरा सर मुंडवा लूंगा और मूछे कटवा कर इस चौराहे पर खड़ा रहूंगा. इस दौरान उनके साथ सभा में ज्योति मिर्धा, रेवंत राम डांगा, दुर्ग सिंह, आदि कहीं भाजपा के नेता मौजूद थे. 

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गजेंद्र सिंह का यह बयान पर सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है. लोग अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. ध्यान देने वाली बात है कि इससे पहले लोकसभा चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा ने चैलेंज किया था. डॉ किरोड़ी लाल ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दौसा और टोंक में भारी मतों से बीजेपी की जीत का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी इन सीटों पर जीत नहीं पाती है तो वे मंत्री पद से इस्तीफा भी दे देंगे. बाद चुनाव परिणाम में दोनों ही सीटों पर भाजपा को हार मिली. इसके बाद हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए किरोड़ी लाल ने मंत्री पद से इस्तीफा भी दिया. हालांकि, उनका इस्तीफा आज तक मंजूर नहीं किया गया है.

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