Jhunjhunu By election Winner: अमित ओला नहीं बचा पाए परिवार की विरासत, राजेंद्र भांबू से मिली करारी हार

Jhunjhunu Bypoll Result: अब 6 साल बाद राजेंद्र भांबू ने ना सिर्फ अपना पुराना हिसाब चुकता किया, बल्कि 42 हजार से अधिक वोटों से हराकर झुंझुनू में रिकॉर्ड जीत भी हासिल की. 

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Jhunjhunu Assembly Seat By election Result: राजस्थान की झुंझुनू विधानसभा सीट का उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र भांबू ने करीब 44 हजार 599 वोटों से जीत लिया है. पहले नंबर पर रहे राजेंद्र भांबू को कुल 89 हजार 599 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अमित ओला (Amit ola) हैं, जिन्हें इस उपचुनाव में 47 हजार वोट मिले हैं. राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) को 38 हजार 610 वोट मिले हैं. पुश्तैनी सीट पर चुनाव लड़े अमित ओला के लिए यह ऐतिहासिक हार भी है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बृजेंद्र ओला ने राजेंद्र भांबू को 40 हजार 656 वोटों से हराया था. अब 6 साल बाद भांबू ने ना सिर्फ इस हिसाब को चुकता किया, बल्कि 42 हजार से अधिक वोटों से हराकर झुंझुनू में रिकॉर्ड जीत भी हासिल की. 

दादा शीशराम ओला के बाद पिता का भी रहा सीट पर दबदबा

कांग्रेस के लिहाज़ से इस बार के उपचुनाव में इस सीट की काफी चर्चा रही है. झुंझुनू सीट ओला परिवार के प्रतिष्ठा का विषय भी थी. क्योंकि यहां से शीशराम ओला तीन बार और उनके बेटे बृजेंद्र ओला लगातार चार बार विधायक चुने गए. इस वर्ष बृजेंद्र ओला के लोकसभा सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई. इसके बाद बेटे अमित ओला को कांग्रेस ने मैदान में उतारा, लेकिन उनकी बुरी हार हुई. राजेंद्र सिंह गुढ़ा की मौजूदगी से यह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था. उनकी मौजूदगी से भी कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ. 

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कांग्रेस के दिग्गजों ने प्रचार से बनाई दूरी, डोटासरा भी रहे नदारद

हालांकि इस हार में एक वजह पार्टी की रणनीति को भी माना जा सकता है. क्योंकि इस उपचुनाव में सबसे बड़ी बात ये देखी गई कि कांग्रेस की ओर से किसी भी बड़े नेता ने झुंझुनू सीट पर कोई प्रचार नहीं किया. अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे नेता महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट ने दौसा और उनियारा सीट पर प्रचार किया. अमित ओला को सचिन पायलट का नज़दीकी माना जाता है, इसके बावजूद पायलट झुंझुनू में प्रचार में नहीं दिखे. खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी झुंझुनू नहीं आए, जबकि राजस्थान के उपचुनाव में दूसरी सीटों पर उन्होंने जमकर प्रचार किया.

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