Deoli-Uniara By election Winner: राजेंद्र गुर्जर ने 10 साल बाद बीजेपी की झोली में डाली सीट, नरेश मीणा की बगावत कांग्रेस को पड़ी भारी

Rajendra Gurjar: जीत के बाद राजेन्द्र गुर्जर बोले कि मेरा टिकिट भी जनता की बदौलत है और मेरी जीत भी जनता की बदौलत ही हुई.

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Deoli-Unirara MLA Rajendra Gurjar: देवली-उनियारा विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर ने बड़ी जीत हासिल की है. थप्पड़कांड के बाद चर्चा में  बागी उम्मीदवार नरेश मीणा (Naresh Meena) को 50 हजार से ज्यादा वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी केसी मीणा को बगावत का नुकसान उठाना पड़ा और 27 हजार वोट मिले. वहीं, जीत के बाद राजेन्द्र गुर्जर (Rajendra Gurjar) बोले कि मेरा टिकिट भी जनता की बदौलत है, मेरी जीत भी जनता की बदौलत हुई है. उन्होंने कहा कि पहले भी मैने जनता की सेवा की है और आगे भी जनता का सेवक बनकर जनता की सेवा करता रहूंगा. जीत हासिल करने के बाद राजेन्द्र गुर्जर ने कहा कि पार्टी ने मुझे प्रत्याशी बनाकर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया था और मुझ पर जो भरोसा पार्टी ने जताया था, मेने अपनी तरफ से सेवा में कोई कसर नही छोड़ी. क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओ ने मिलकर इस सीट पर बीजेपी का कमल खिलाया है. 

उन्होंने कहा कि पहले भी मैने जनता की सेवा की है और आगे भी जनता का सेवक बनकर जनता की सेवा करता रहूंगा. जीत हासिल करने के बाद राजेन्द्र गुर्जर ने कहा कि पार्टी ने मुझे प्रत्याशी बनाकर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया था और मुझ पर जो भरोसा पार्टी ने जताया था, मेने अपनी तरफ से सेवा में कोई कसर नही छोड़ी.

आरएसएस से पुराना नाता, गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष भी रहे

साल 1974 में टोंक में जन्में राजेन्द्र गुर्जर का झुकाव आरएसएस के प्रति हमेशा से रहा. वह साल 2000 से 2005 तक गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष रहे और 2006 में बीजेपी युवा मोर्चा में प्रदेश कार्यसमिति अध्यक्ष भी रहे. 2007 में युवा मोर्चा के टोंक जिलाध्यक्ष बनने के बाद उन्हें 2012 से 2018 तक भगवान देवनारायण मंदिर जोधपुरिया ट्रस्ट का अध्यक्ष भी बनाया गया. वह 2013 के चुनाव में विजयी हुए, लेकिन 2018 के चुनाव में उन्हें हरीश मीणा ने मात दी थी. 

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लंबे समय बाद इस सीट पर बीजेपी ने की वापसी 

साल 2008 में देवली-उनियारा सीट का परिसीमन हुआ. तब कांग्रेस नेता रामनारायण मीणा ने बीजेपी प्रत्याशी नाथू सिंह गुर्जर को शिकस्त दी. तब भी निर्दलीय उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कुल 25 हजार 382 वोट हासिल किए थे. साल 2013 में राम नारायण मीणा को बीजेपी उम्मीदवार राजेन्द्र गुर्जर ने हराया था. इस दौरान कांग्रेस के बागी नेता हरक चंद गोलेछा ने किरोड़ी लाल मीणा की नेशनल पीपुल पार्टी से चुनाव लड़ा था.

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साल 2018 में एक बार बीजेपी के राजेन्द्र गुर्जर को चुनावी मैदान में उतरे, कांग्रेस ने इस सीट पर बीजेपी से बागी हुए पूर्व डीजीपी हरीश मीणा को टिकट दिया. जबकि बीजेपी के बागी उदय लाल गुर्जर ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा. नतीजन इस चुनाव में हरीश मीणा ने 21 हजार 476 वोटों से जीत हासिल की. जबकि पिछले साल 2023 के विधानसभा चुनाव में  हरीश चंद्र मीणा के सामने बीजेपी ने कर्नल किरोड़ी बैंसला के बेटे विजय बैंसला को चुनाव मैदान में उतारा. इस बार भी हरीश मीणा जीतने में कामयाब रहे. इस चुनाव में बीजेपी नेता विक्रम सिंह गुर्जर आरएलपी से चुनाव लड़े.

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