8 दिन बारां में डटी रहीं वसुंधरा राजे, अब वीडियो जारी कर कहा थैंक्यू, 14 नवंबर को तय होगा भविष्य

Anta By Election Result: इस वक्त पूरे बारां और राजस्थान की नजरें 14 नवंबर के परिणाम पर टिकी हैं, जो सिर्फ एक सीट का नतीजा नहीं होगा, बल्कि वसुंधरा राजे के सियासी कद का भी आईना होगा.

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पूर्व CM वसुंधरा राजे ने कार्यकर्ताओं का जताया आभार
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) भाजपा उम्मीदवार मोरपाल सुमन (Morpal Suman) को अंता विधानसभा उपचुनाव (Anta By Election 2025) में जीत दिलाने के लिए 8 दिनों तक लगातार चुनाव प्रचार करती रहीं. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने भी दो रोड शो भी किए. अब सबकी निगाहें 14 नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम पर टिकी हैं. हालांकि इससे पहले राजे एक वीडियो जारी कर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है.

ये 8 दिन बारां की राजनीति के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि पूर्व सीएम ने न केवल बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया, बल्कि पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं को मनाने के लिए वन-टू-वन मुलाकातें भी कीं. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन की जीत या हार काफी हद तक वसुंधरा राजे के इस व्यक्तिगत हस्तक्षेप और उनकी मेहनत का सीधा परिणाम होगी.

राजे का माइक्रो-मैनेजमेंट

विगत 8 दिनों तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बारां में पूरी तरह से जमी रहीं. उनके साथ उनके बेटे और बारां-झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह भी हर कदम पर मौजूद रहे. यह प्रचार अभियान केवल चुनावी रैलियों तक सीमित नहीं था, बल्कि राजे ने ग्रास-रूट लेवल पर काम कर रहे पन्ना प्रमुखों और बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बैठकें लीं, उन्हें रिचार्ज किया और जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया.

साथ ही साथ, राजे ने चुनाव के दौरान नाराज या निष्क्रिय होने वाले भाजपा नेताओं से वन-टू-वन मुलाकात करके उन्हें मनाया. माना जा रहा है कि उनकी इस पहल से पार्टी के आंतरिक मतभेद दूर हुए होंगे और रूठे हुए नेता फिर से पार्टी के लिए काम करने को तैयार हुए होंगे. अगर भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन इस उपचुनाव में जीत हासिल करते हैं, तो यह राजे की मेहनत और पार्टी पर उनके प्रभाव का सबसे बड़ा प्रमाण होगा.

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चौपालों पर तेज हुई 'समीकरण' की चर्चा

मतदान हो चुका है, लेकिन असली बेचैनी अब शुरू हुई है. 14 नवंबर को परिणाम आने में अभी दो दिन बाकी हैं. इन दिनों बारां की चाय की थड़ियों, चौराहों और चौपालों पर चुनावी चर्चाएं तेज हो गई हैं. स्थानीय लोग अलग-अलग समीकरण बिठाकर जीत-हार के कयास लगा रहे हैं. हर समर्थक अपने-अपने प्रत्याशी की जीत के दावे कर रहा है, लेकिन सब जानते हैं कि किसके सिर पर जीत का ताज सजेगा, यह 14 नवंबर को ईवीएम (EVM) खुलने के बाद ही पता चलेगा. इस वक्त पूरे बारां और राजस्थान की नजरें 14 नवंबर के परिणाम पर टिकी हैं, जो सिर्फ एक सीट का नतीजा नहीं होगा, बल्कि वसुंधरा राजे के सियासी कद का भी आईना होगा.

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