Rajasthan By Election 2025: आचार संहिता के बीच अंता में लाखों रुपये की जब्ती, भाया के 'शुभ मुहूर्त' कार्ड के बाद आज नरेश मीणा करेंगे नामांकन

Baran Assembly By Election 2025: बारां की अंता विधानसभा उपचुनाव में चुनावी बिगुल बज चुका है. कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने सबसे पहले पर्चा भर दिया है. आज नरेश मीणा निर्दलीय नामांकन करने जा रहे हैं. हालांकि बीजेपी ने अभी तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.

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बारां-अन्ता उपचुनाव: नामांकन की प्रक्रिया शुरू, त्रिकोणीय मुकाबले के संकेत; भाया ने भरा पर्चा, बीजेपी को उम्मीदवार की तलाश
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान की राजनीतिक जंग एक बार फिर बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर शुरू हो गई है. यहां हो रहे उपचुनाव (Baran Assembly By-election 2025) के लिए भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होते ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. जहां कांग्रेस (Congress) ने अपने दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Bhaya) को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी (BJP) अभी तक अपने पत्ते नहीं खोल पाई है. इसी बीच, कांग्रेस से बागी हुए नरेश मीणा (Naresh Meena) की निर्दलीय एंट्री ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.

पहले दिन भाया ने भरा नामांकन, आज नरेश मीणा की बारी

अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 से शुरू हो गई है. रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में पहले दिन सिर्फ एक नामांकन पत्र दाखिल हुआ. यह नामांकन कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने शुभ मुहूर्त देखकर दाखिल किया. हालांकि, कांग्रेस के लिए यहां एक दिलचस्प स्थिति बनी हुई है. सूत्रों के अनुसार, प्रमोद जैन भाया कल (15 अक्टूबर) को भी काग्रेस कार्यकर्ताओं की विशाल रैली के साथ दोबारा एक और सेट में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. वहीं, कांग्रेस से बागी तेवर अपना चुके और युवा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले नरेश मीणा आज, 14 अक्टूबर को समर्थकों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने के लिए तैयार हैं. 

नरेश मीणा की इस एंट्री से कांग्रेस के वोटों में बड़ा बंटवारा होने की आशंका है, जो सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती है.

बीजेपी में उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बरकरार

एक ओर जहां कांग्रेस ने चुनाव की घोषणा होते ही अपने उम्मीदवार का नाम तय कर दिया, वहीं सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) अभी तक उम्मीदवार के नाम पर मंथन कर रही है. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी यहां पूर्व कृषि मंत्री और कद्दावर नेता प्रभुलाल सैनी को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है. प्रभुलाल सैनी का यहां प्रमोद जैन भाया के साथ चुनावी इतिहास रहा है, जिसमें दोनों ने एक-दूसरे को हराया है. इसके अलावा, पूर्व जिला प्रमुख नंदलाल सुमन का नाम भी चर्चा में है. जानकारों का मानना है कि पार्टी आलाकमान जल्द ही इस सस्पेंस को खत्म करेगा, क्योंकि नामांकन की अंतिम तिथि करीब आ रही है.

अंता सीट बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की अयोग्यता के कारण खाली हुई है, जिन्हें एक पुराने आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था. उनकी विधायकी 1 मई 2025 को समाप्त हो गई थी.

चुनाव कार्यक्रम: कब होगी वोटिंग और काउंटिंग?

चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अंता उपचुनाव के लिए वोटिंग 11 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी. वहीं, वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी, जिसके साथ ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के पास अब 21 अक्टूबर तक का समय है. इस बीच, 19 और 20 अक्टूबर को दीपावली का सार्वजनिक अवकाश होने के कारण इन दो दिनों में नामांकन दाखिल नहीं किए जा सकेंगे. इसके बाद 23 अक्टूबर तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 27 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जाए सकेंगे. 

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आदर्श आचार संहिता का सख्त पालन

चुनाव आयोग ने अंता उपचुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से कराने के लिए सख्त इंतजाम किए हैं. क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू है. नामांकन दाखिल करने के दौरान रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में उम्मीदवार सहित अधिकतम 5 व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति है. कार्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में एक उम्मीदवार केवल 3 वाहनों के साथ ही प्रवेश कर सकता है. उपचुनाव की निगरानी के लिए 12 स्टेटिक सर्विलांस टीम (SST) और 12 उड़न दस्ते (Flying Squads) तैनात किए गए हैं. क्षेत्र में चेक पोस्ट बनाकर वाहनों की लगातार जांच की जा रही है. एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सेल उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार पर किए जा रहे खर्च पर भी कड़ी नजर रख रखा है.

अंता में अब तक 35 लाख रुपये की जब्ती

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया है कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और अवैध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. अब तक सघन चेकिंग के दौरान लगभग 35 लाख रुपये की जब्ती की जा चुकी है, जो चुनाव के दौरान धनबल के इस्तेमाल पर रोक लगाने की आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

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