विधायक बनने से पहले मंत्री बन सकते हैं? सुरेंद्रपाल TT विवाद के बीच जानिए क्या है नियम

सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को राजस्थान कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने के बाद से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है, सुरेंद्रपाल सिंह को मंत्री बनाए जाने को लेकर क्या कहता है संविधान आइए जानते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाए जाने के बाद से राजस्थान में बवाल मचा हुआ है.

Surendrapal Singh TT Controversy: राजस्थान में नई सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कुल 22 मंत्रियों ने गोपनीयता की शपथ दिलाई. इनमें 12 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री हैं, लेकिन श्रीकरणपुर के प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया है. कांग्रेस ने टीटी को मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है तो वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजस्थान और ज़िला कलेक्टर गंगानगर से शिकायत किया है.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने X पर लिखा

सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, श्रीकरणपुर में 5 जनवरी को होने वाले मतदान की आचार संहिता के प्रभावी होने के बावजूद वहां से भाजपा प्रत्याशी को मंत्री बनाना आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है. चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह के असंवैधानिक कदम उठाना लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण है. यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है.

Advertisement

कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने X पर लिखा

श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्री सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाना, आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन हैं. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता से फोन पर बातचीत कर तत्काल कार्यवाही की मांग की. 

Advertisement

पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने लोढ़ा को X पर दिया जवाब

X पर संयम लोढ़ा का जवाब देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने लिखा, संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार ली गई शपथ किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री पद पर रहते हुए दर्जनों मंत्रियों ने चुनाव लड़ा है. इसलिए श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी की राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ संविधान के प्रावधानों के अनुरुप ही है.

Advertisement

क्या है कहता है संविधान का नियम

अनुच्छेद 164(4) के अनुसार, कोई मंत्री यदि निरंतर 6 माह की अवधि तक राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होता है तो उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा. संविधान के आर्टिकल 164 (4) में निहित प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना निर्वाचित हुए 6 माह तक मंत्री पद धारण करने का अधिकार है. इस संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.

श्रीकरणपुर विधानसभा सीट 5 जनवरी को होना है चुनाव

श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर 5 जनवरी 2024 को मतदान का होगा. बता दें, यहां से कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद चुनाव स्थगित हुआ था. यहां से भाजपा ने सुरेंद्रपाल सिंह टीटी प्रत्याशी बनाया है.

यह भी पढ़ें-  भाजपा का अहंकार सातवें आसमान पर... चुनाव पूर्व सुरेंद्रपाल को मंत्री बनाए जाने पर बवाल, डोटासरा बोले- EC से करेंगे शिकायत