राजस्थान में अब 41 जिले, गहलोत राज में बने ये जिले खत्म; भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला

Rajasthan 9 Districts Dissolves: मंत्री जोगाराम पटेल ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि 67 साल में 7 नए जिले बनते हैं. तो एक हफ्ते में 17 नए जिले बनाना कही से उचित नहीं है. नए जिले जो बने हैं, जो तीन संभाग बने हैं. वो ठीक नहीं है.

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भजनलाल कैबिनेट बैठक में 9 नए जिले खत्म

Bhajanlal Cabinet Meeting Decision: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट बैठक में गहलोत सरकार में बनाए गए 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. सरकार के इस फैसले के साथ अब राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 41 हो गई है. हालांकि. गहलोत राज में बनाए 17 जिलों में 8 जिले यथावत रहेंगे. इसके अलावा सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है.

व्यवहारिक नहीं था इन जिलों का गठन- मंत्री

कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान 1956 में बना. इसके बाद से लंबे समय तक हमारे यहां 26 जिले थे. इसके बाद 7 और नए जिले बने. लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में 17 नए जिले और तीन संभाग घोषित किए. आचार संहिता की घोषणा से तुरंत पहले पूर्ववर्ती सरकार ने नए जिलों की घोषणा की थी. जो व्यवहारिक नहीं है. न ही इन जिलों की जनसंख्या आधार सही था.

हमारी मंत्रिमंडल कमेटी ने पाया कि ये जिले व्यवहारिक नहीं है. उसे हम खत्म करते हैं. राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले ही रहेंगे. इस तरह गहलोत सरकार के समय बने 9 नए जिले समाप्त हो गए. साथ ही तीन नए संभाग- बांसवाड़ा, सीकर और पाली संभाग को समाप्त कर दिया गया है. 

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राजस्थान में खत्म हुए ये 9 नए जिले

दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर.

गहलोत राज में बने ये जिले बने रहेंगे- 

बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना -कुचामन, कोटपूतली -बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूम्बर ये जिले यथावत बने रहेंगे 

बता दें कि गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाए थे. बालोतरा, डीडवाना, फलौदी, अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, खैरतल डीग, कोटपूतली, ब्यावर, केकड़ी, जयपुर ग्रामीण और दूदू को नया जिला बनाया गया था. जबकि सीकर, पाली और बांसवाड़ संभाग को नया संभाग बनाया गया. 

बीजेपी बार-बार उठाती रही है सवाल

पूर्व सीएम गहलोत के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सवाल उठाए थे. उसके बाद चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भजनलाल सरकार ने नए जिलों के गठन की समीक्षा का फैसला किया. इसके लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ललित के पंवार अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने नए जिलों के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.

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