भजनलाल मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट! शेखावाटी और मेवाड़ से नए चेहरे को मिल सकती जगह

Rajasthan News: राजस्थान में उपचुनाव जीतने के बाद और राजस्थान सरकार के बेहतरीन कामकाज के आधार पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सियासी क़द बढ़ा है. ऐसे में भजनलाल को फ्री हैंड देने की चर्चा है.

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Rajasthan Politics: राजस्थान में बीते कुछ समय से मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर हलचल तेज हो गई है. बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात भी हो चुकी है. सीएम शर्मा के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की चर्चाओं ने काफी जोर पकड़ा. अब खबर है कि दिल्ली में आरएसएस के नेताओं और संगठन महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री इस संबंध में फैसला ले सकते हैं. माना जा रहा है कि कैबिनेट में छोटा फेरबदल जल्द ही देखने को मिल सकता है. 

2-3 मंत्रियों की छुट्टी संभव

जानकारी के अनुसार, शेखावाटी और मेवाड़ से कुछ नए चेहरों को भजनलाल कैबिनेट में जगह मिल सकती है. बताया यह भी जा रहा है कि परफॉर्मेंस के आधार पर 2-3 मंत्रियों की छुट्टी भी संभव है. कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी किया जा सकता है. कुछ विधायकों को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी देने की भी चर्चा है.

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शेखावाटी दौरे के बाद सीएम की 'एक्सरसाइज़'

हालांकि अभी मंत्रिपरिषद विस्तार की तारीख़ तय नहीं है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अगले दो सप्ताह में इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है. यह कवायद मुख्यमंत्री के शेखावाटी दौरे से लौटते ही शुरू हो सकती है. बता दें कि दिल्ली जाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजस्थान दौरे के दौरान भी मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई थी, जिससे फेरबदल की अटकलों को और हवा मिली. 

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राजस्थान में उपचुनाव जीतने के बाद और राजस्थान सरकार के बेहतरीन कामकाज के आधार पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सियासी क़द बढ़ा है. इस लिहाज़ से मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हें फ्री हैंड दिया जा सकता है.

इससे पहले बीते दिनों पीएम मोदी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था. चर्चा थी कि राजस्थान के कुछ बड़े और सक्रिय नेताओं को पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट देकर एडजस्ट किया जा सकता है. वसुंधरा राजे के करीबी कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देने की भी चर्चा थी. उस समय कुछ नाम भी सामने आए थे, जिनमें कालीचरण सराफ और श्रीचंद कृपलानी थे. ये दोनों ही नेता अनुभवी हैं और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री भी रहे हैं.

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