18 करोड़ 11 लाख 39 हज़ार 228 रुपये, राजस्थान के इस मंदिर की दान पेटी से निकली रकम

Rajasthan: चार चरणों में से दूसरे चरण में श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ावे के रूप में 4 करोड़ 20 लाख 45 हजार रुपए, तीसरे चरण में 3 करोड़ 7 लाख रुपए प्राप्त हुए. इसके साथ ही चौथे चरण में दानपेटी में शेष राशि 64 लाख 41 हजार रुपए गिनी गई.

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Sawaliya Seth Temple: चित्तौड़गढ़ जिले के प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ के भंडार से दान की गिनती में 4 बार में 18 करोड़ 11 लाख 39 हजार 228 रुपए प्राप्त हुए हैं. शेष सिक्कों की गिनती आज यानि शुक्रवार को होगी. इस बार श्रद्धालुओं ने पहले की तुलना में सांवलिया सेठ को ज्यादा चढ़ावा चढ़ाया गया है. इसमें भेंट कक्ष से लकड़ी के वजन सहित 322 किलो 955 ग्राम वजनी चांदी का झूला भी चढ़ाया गया है. बीती 3 अगस्त को राजभोग आरती के बाद श्री सांवलिया सेठ की दान पेटी खोली गई थी. इस दान पेटी से निकलने वाली राशि की गिनती अब तक 4 चरणों में पूरी हो चुकी है. इसमें नोटों को गिना जा चुका है.

श्री सांवलिया सेठ के भंडार से निकली दान राशि

 14 करोड़ दो लाख 86 हज़ार रुपए का मिला चढ़ावा 

चार चरणों में से दूसरे चरण में श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ावे के रूप में 4 करोड़ 20 लाख 45 हजार रुपए, तीसरे चरण में 3 करोड़ 7 लाख रुपए प्राप्त हुए. इसके साथ ही चौथे चरण में दानपेटी में शेष राशि 64 लाख 41 हजार रुपए गिनी गई. इसमें भी गिनती के चार चरण हुए. जिसमें कुल 14 करोड़ 2 लाख 86 हजार रुपए चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुए. वही मंदिर मंडल के दान कक्ष और ऑनलाइन से 4 करोड़ 8 लाख 53 हजार 228 रुपए प्राप्त हुए. दानपेटी से सोने और चांदी की गिनती में 34 किलो 820 ग्राम चांदी, 565 ग्राम सोने का चढ़ावा मिला। इसमें लकड़ी के वजन सहित 322 किलो 955 ग्राम चांदी का झूला दान कक्ष में चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुआ. इसके अलावा 21 किलो 915 मिलीग्राम सोना भी मिला.

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दानपेटी से निकले सिक्के

सिक्कों की गिनती होना है बाकी

पहले चरण से लगातार हो रही दान राशि की गिनती में मंदिर मंडल प्रशासन और मंदिर मण्डल के अध्यक्ष और सदस्य में लगातार लगे रहते है. इसके पहले और दूसरे चरण में बड़े नोट जैसे 500 और 200 के नोटों की गिनती होती हैं. उसके बाद 100, 50, 20 और 10 रुपए के छोटे नोट की गिने जाते हैं. आखिरी में दानपेटी से निकले सिक्के गिने जाते  हैं. जो लगभग 10 से 12 लाख रुपए निकलते हैं. हर महीने निकलने वाली इस दान राशि को मंदिर मंडल के जरिए इसे कई विकास के कामों में खर्च किया जाता हैं. जिनमें कॉरिडोर, गौशाला, सड़क निर्माण, भोजन शाला, धर्मशाला समेत अन्य विकास कार्य किए जाते हैं.

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जन्माष्टमी पर कान्हा के नाम कटेगा केक

वहीं आगामी 26 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर आधी रात को श्रीसांवलिया सेठ मन्दिर में कृष्ण जन्म के साथ ही रात 12 बजे कान्हा के नाम केक काटा जाएगा.  कान्हा के स्वागत में मन्दिर को आकर्षक फूलों और मन्दिर परिसर में विद्युत सज्जा की जाएगी. श्री सांवलिया सेठ का विशेष श्रृंगार किया जाएगा. इस दिन झांकिया सजाई जाएगी.

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