Bhajan Lal Sharma Banswara Visit: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित त्रिपुरा सुंदरी माता का मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि राजनैतिक क्षेत्र में यह देवी मां राजनेताओं की संकट मोचन देवी के रूप में ख्यात हो चुकी है. प्रधानमंत्री से लेकर सरपंच तक सभी यहां अपनी मुरादों की झोली फैला चुके हैं. मां के दरबार में राजनीति यज्ञ और विजय श्री हवन करवाया जाता है.
भक्तों के मन की मुराद पूरी करने वाले आस्था के कई स्थानों के बारे में तो आपने कई बार सुना या महसूस किया होगा, लेकिन प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी देवी जिसको सत्ता का सुख देने वाली देवी के रूप में राजनीतिक क्षेत्र में ख्यात है. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर आस्था का वो धाम है, जहां देश-दुनिया के बड़े से बड़े ओहदेदार अपने शीश को माता के चरणों में रखते हैं.
इस शक्तिपीठ के प्रति सिर्फ स्थानीय श्रद्धालु ही नहीं बल्कि विशिष्ट और अतिविशिष्ट जनों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं. राजस्थान, एमपी, गुजरात सहित पूरे देश के कई राजनीति के दिग्गज अपनी मन्नतों की झोली यहां पर फैलाते हैं और देवी से आर्शीवाद लेते हैं. हर वक्त मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. मां के दर पर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सरपंच तक सभी अपनी मुरादों की झोली फैला चुके हैं. मां के दरबार में राजनीति यज्ञ और विजय श्री हवन करवाया जाता है.
राजनीति के दिग्गज नवाने आते हैं शीश
मां के दर्शन के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति स्व भैरोंसिंह शेखावत, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, गजेंद्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, हेमा मालिनी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, ओम माथुर, असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया सहित कई भाजपा के दिग्गज नेता यहां पर आ चुके हैं. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा, पंजाब के राज्यपाल रहे वीपी सिंह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, योग गुरु बाबा रामदेव, समेत कई दिग्गज माता के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं. अब इसमें एक और नाम जुड़ गया है और वह है वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का जो मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे.
यहां आने वाले कभी निराश नहीं लौटतें
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया समेत कई कांग्रेस के दिग्गज नेता माता के चरणों में धोक लगा चुके हैं और माता रानी ने उनकी मनोकामना भी पूरी की है. ऐसी मान्यता है कि माता के दरबार मे आने वालों की झोली कभी भी खाली नहीं जाती है. माता रानी खास से लेकर आम हर किसी की मनोकामना पूरी करती हैं. यही वजह है कि माता रानी के मंदिर में गरीब से लेकर अमीर तक शीश झुकाने आते हैं और माता रानी से आर्शीवाद लेते हैं. इस मंदिर में जिसने भी सच्चे भाव से अपनी मन्नत मांगी है, उसने देश और राज्य में राज भी किया है.
दिन में तीन बार बदलता है स्वरूप
देश की प्रमुख शक्तिपीठों में से एक बांसवाड़ा जिले में मौजूद है. माता के दिन में तीन बार स्वरूप बदलने के चलते इसका नाम त्रिपुरा सुंदरी पड़ा है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर ऐतिहासिक लेख तो नहीं मिलते, लेकिन यहां मिले शिलालेख से पता चलता है कि सम्राट कनिष्क के काल से पहले ही यह मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र था. माता त्रिपुरा सुंदरी का ये मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है जो बांसवाड़ा जिले से करीब 18 किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव में अरावली पर्वतामाला के बीच बना हुआ है.
1540 का एक शिलालेख मिला है, जिसमें त्रिऊरारी शब्द का उल्लेख है. जिसके चलते यह माना जाता है कि तीन दुर्गों के बीच देवी मां का स्थान है. इस माता के त्रिपुरा होने का एक आधार भी यह माना जाता है. त्रिऊरारी को लेकर ग्रंथों में मिले उल्लेख से लोगों का यह मानना है कि जहां माता त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर है उसके आसपास गढ़पोली नामक महासागर हुआ करता था, जहां सीतापुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक तीन दुर्ग हुआ करते थे और इन्हीं त्रिऊरारी का स्थानक था जो अब माता त्रिपुरा सुंदरी कहा जाता है.