'गहलोत साहब अपने पेपर देख लीजिए' अरावली के मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर बरसे सीएम

अरावली को लेकर सीएम ने डोटासरा और जूली को चुनौती देते हुए कहा कि दोनों से कहूंगा कि चाहे किसी भी मंच पर आ जाए और मुझे सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में एक भी लाइन बता दें, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 100 मीटर तक की चीज पर कहा है कि इस पर माइनिंग हो सकती है. 

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अरावली के मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर बरसे सीएम
@BhajanlalBjp

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को नागौर के मेड़ता सिटी में किसान सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान सीएस ने नागौर जिले को 351 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अलग-अलग किसान कल्याण योजनाओं के अंतर्गत किसान–पशुपालकों को डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि का ट्रांसफर की और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2,000 करोड़ से अधिक की मंजूरी दी. सीएम भजनलाल ने राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरावली समेत तमात मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा है.

'कांग्रेस लूट और झूठ की बात करती है'

मुख्यमंत्री ने किसान सम्मेलन में अशोक गहलोत को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैं कांग्रेस को कहना चाहता हूं, अरे गहलोत साहब जरा अपने पेपरों को देख लीजिए, अपने उन कर्मों को देख लीजिए. 2002 और 2003 में आपने क्या किया, 2009 और 2010 में आपने क्या परिभाषा बनाई. अरे हम तो गिरिराज जी के भगत हैं, हम गिरिराज जी को पूजते हैं. 551 दिन हमारे साधु-संतों ने धरना दिया, विजयादास बाबा की बाद में मृत्यु हो गई, आपने कुछ नहीं किया. 

2005 में ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा का खनन होता था तो उसका भी विरोध किया था तो हमने वहां लीजो को कैंसिल किया. मैं यही कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से जो हमारी अरावली है, किसी भी तरह से कोई छेड़छाड़ नहीं कि जाएगी.

सीएम ने आगे कहा कि कल भी मैंने आपसे से कहा था कि ये कांग्रेस के लोग हैं, ये लूट और झूठ की बात करते हैं. ये लोगों को बहकाने की बात करते हैं. इनके पास धरातल पर तो कुछ रहा नहीं ये लोगों को अपवाहें फैलाकर के बहकाना चाहते हैं. जिनके खुदके दामन खनन माफिया से, अवैध खनन से धुले हुए हैं. कम से कम वो तो भाजपा सरकार को उपदेश ना दे.

मुख्यमंत्री ने फिर डोटासरा-जूली को दी चुनौती

अरावली के ऊपर जो सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया है, मैं डोटासरा जी और जूली जी दोनों से कहूंगा कि चाहे किसी भी मंच पर आ जाए और मुझे सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में एक भी लाइन बता दें, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 100 मीटर तक की चीज पर कहा है कि इस पर माइनिंग हो सकती है. जहां तक मैं समझा हूं, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि सारे विषयों को लेकर के जो वर्षों से चल रहा था और 100 मीटर के विषय के ऊपर जो कानून पहले से था, उसको रोकने का काम किया है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके ऊपर एक पूरी कमेटी बना करके डिटेल प्लान सबमिट किया जाए. केन्द्र सरकार को यह काम दिया है, जिसमें पर्यावरण के विषयों को तय करें, खनन के विषयों को तय करें. कंजर्वेशन के विषयों को तय करें, बाकी सामाजिक विषयों को तय करें. जब तक रिपोर्ट नहीं आती, जब तक सुप्रीम कोर्ट ने 100 मीटर की जो परिभाषा थी उसको रोकने का काम किया है. उसके बाद भी जनता को भ्रमित करने का, भ्रम पैदा करने का काम और इस सब के माध्यम से जिस कांग्रेस की पूरी जमीन उखड़ चुकी है, वो अब कहीं ना कहीं इसमें से फर्टाइल जमीन ढूंढने का काम कर रहे हैं जोकि दुर्भाग्यपूर्ण हैं.