Rajasthan: राजस्थान के मंदिरों को भजनलाल सरकार ने दिया तोहफा, पुजारियों के वेतन बढ़े, भोग का पैसा हुआ डबल

Rajasthan Vidhansabha: राजस्थान विधानसभा में देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने राज्य में मंदिरों के विकास के लिए आने वाले दिनों में मिलने वाली सौगातों की जानकारी दी.

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सीएम भजनलाल शर्मा
(File photo)

Rajasthan Budget session 2025: राजस्थान सरकार ने राज्य के मंदिरों और पुजारियों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं. मंदिरों के विकास के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जाएगी जबकि पुजारियों के वेतनों में लंबे समय के बाद वृद्धि की गई है. राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल के दौरान देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत (Joraram Kumawat) ने राज्य में मंदिरों के विकास के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के मंदिरों के लिए 101 करोड़ रुपए की घोषणा की है, जबकि राजस्थान से बाहर स्थित मंदिरों के विकास के लिए 700 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है.

पुजारियों के वेतन और भगवान के भोग का खर्चा बढ़ाया

इस पर और जानकारी देते हुए मंत्री कुमावत ने कहा कि सरकार सनातन धर्म और देवस्थानों के विकास को लेकर संवेदनशील है.उन्होंने यह भी बताया कि मंदिरों में कार्यरत पुजारियों के वेतन में वर्षों से कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जिसे अब बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. पुजारियों को मंदिर में भोग के लिए अब तक 1500 रुपये दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर सरकार ने  3000 रुपये करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान मुख्यमंत्री ने एक बैठक बुलाई थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में भी देवस्थान और मंदिरों के विकास से जुड़ी योजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा.

प्रयागराज महाकुंभ में मंत्रिपरिषद की ली थी बैठक

बता दें कि 8 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने  प्रयागराज महाकुंभ में राजस्थान मंडपम में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की थी. इस बैठक में उन्होंने मंदिरों और पुजारियों के कल्याण से जुड़े कई अहम फैसले लिए, जिसमें उन्होंने मंदिरों में सेवा देने वाले पुजारियों के मानदेय में वृद्धि ,मंदिरों में भोग, प्रसाद, पूजा, उत्सव, पोशाक, जल एवं प्रकाश व्यवस्था के लिए दी जाने वाली राशि को दोगुना तथा देवस्थान विभाग के अंतर्गत आने वाले 6 प्रमुख मंदिरों और 26 आत्मनिर्भर मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत और विकास कार्यों के लिए 101 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे.

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