Rajasthan News: राजस्थान में इस साल अच्छी बारिश हुई है और चारों ओर अच्छी फसल की उम्मीद जगी है. लेकिन, अच्छी फसल के लिए सिर्फ पानी ही काफी नहीं होता, सही समय पर खाद (Fertilizers) मिलना भी जरूरी है. इसी बात को समझते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य में खरीफ की फसल (Kharif Crop) के लिए खाद की कोई कमी नहीं होनी चाहिए और किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए.
मुख्यमंत्री ने ली बैठक
शुक्रवार को जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में उन्होंने खरीफ 2025 के लिए जिलों में खाद के आवंटन, आपूर्ति और वर्तमान उपलब्धता की समीक्षा की. इस दौरान कृषि एवं बागवानी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ कृषि, सहकारिता और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी सरकार किसानों की समृद्धि और कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, खाद और पोषक तत्व समय पर उपलब्ध कराए जाएं. इस बैठक के बाद जारी हुए एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस साल राज्य में अच्छी बारिश हुई है, जिससे बंपर फसल की उम्मीदें बढ़ी हैं. सरकार का यह दायित्व है कि किसानों की मेहनत को सही नतीजे तक पहुंचाया जाए.'
अब किसानों को मिलेगी हर जानकारी
अक्सर ऐसा होता है कि किसानों को पता ही नहीं होता कि उनके जिले या आसपास के केंद्र पर खाद कब उपलब्ध होगी. इससे उन्हें कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने इस समस्या का समाधान करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को उनके जिले में खाद की उपलब्धता के बारे में नियमित रूप से जानकारी दी जाए. यह कदम किसानों को परेशान होने से बचाएगा और उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने देगा.
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि किसानों को खाद के संतुलित उपयोग के बारे में जागरूक किया जाए. उन्होंने किसानों को जैविक खाद और वर्मी-कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित करने पर जोर दिया.
अवैध खाद पर भी कसी गई नकेल
बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि साल 2025-26 के दौरान कृषि विभाग ने अवैध खाद, अनाधिकृत भंडारण और घटिया किस्म के सैंपलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि नकली और घटिया खाद किसानों की फसल और उनकी आर्थिक स्थिति दोनों को नुकसान पहुंचाती है.
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