Rajasthan vidhan sabha: राजस्थान विधानसभा में 'कोचिंग सेंटर विधेयक- 2025' बिल पेश होने के बाद कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालक आशंकित नजर आ रहे हैं. सरकार के विधेयक से कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालकों की चिंताएं भी लगातार बढ़ गई हैं. संचालकों की ओर से कहा जा रहा है कि सरकार के कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन ) विधेयक से प्रदेश भर के कोचिंग इंस्टिट्यूट पर इसका प्रभाव पड़ेगा. इसमें सबसे ज्यादा कोटा, सीकर और जयपुर के कोचिंग इंस्टिट्यूट प्रभावित होंगे. हालांकि, सीकर (Sikar) के कोचिंग संचालकों का कहना है कि कुछ इंस्टिट्यूट के लिए सरकार ने जो नियम बनाए है, वह बच्चों की सहूलियत के लिए बनाए गए हैं. उनका मानना है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार हो रही सुसाइड की घटना को देखते हुए आम जनता कि भलाई को देते हुए ही यह कदम उठाया है.
"कोचिंग संचालक नियमबद्ध तरीके से करे संचालन"
कोचिंग संचालकों ने कहा बच्चों के सर्वांगीण विकास और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा दी जानी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो उन्हें नहीं लगता कि सरकार का कोई भी नियम कोचिंग संचालकों के लिए परेशान करने वाला होगा. उन्होंने कहा, "अगर नीतिबद्ध और नियमबद्ध तरीके से कोचिंग संचालित की जाए तो सरकार का कोई भी नियम किसी भी शिक्षण संस्थान या कोचिंग के लिए हानिकारक नहीं होगा."
संचालक बोले- छोटे और मध्यम कोचिंग इंस्टीट्यूट होंगे प्रभावित
हालांकि एक राय यह भी है कि इस विधेयक के लागू होने से पहले सरकार की ओर से राय ली जानी चाहिए. इससे राज्य सरकार को विधेयक पारित होने के बाद किसी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा. संचालकों का कहना है कि राजस्थान सरकार के इस बिल का असर छोटे और मध्यम कोचिंग इंस्टिट्यूट पर पड़ेगा. साथ ही वो संस्थान भी प्रभावित होंगे, जो कोचिंग के साथ छात्रावास और हॉस्टल्स संचालित करते हैं.
यह भी पढ़ेंः विधानसभा में प्रश्न पूछने के दौरान रेवंतराम डांगा बोले- '420', सदन में लगे ठहाके; मंत्री बैरवा भी हंसने लगे