मोरिया बुला देगें- पोपा बाई का राज- नाथी का बाड़ा, डोटासरा के 'फटकारे' जिन्होंने गुदगुदाया; दिए सियासी संदेश 

गोविन्द सिंह डोटासरा इतिहास के संदर्भों से शब्द लेते हैं और उन्हें ऐसे प्रस्तुत करते हैं, जिससे न सिर्फ ठहाके गूंजते हैं, बल्कि उनका राजनीतिक सन्देश भी पहुंच जाता है.

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Govind Singh Dotasara: कहते हैं बात कहने का तरीका प्रभावी हो तो झूठ भी सच बन जाता है. संवाद का तरीका जितना प्रभावी होगा दिल की बात उतनी ही दिल में उत्तर जाती है. नेता जब भाषण देते हैं तो उसमें कुछ शब्द, कुछ नारे ऐसे इस्तेमाल करते हैं जो सालों तक लोगों को याद रहते हैं. आप कौनसा वाक्य कहां और किसके लिए बोल रहे हैं इसका शऊर हो तो आप एक भीड़ को दीवाना बना सकते हैं. ऐसे ही राजस्थान के एक नेता हैं गोविन्द सिंह डोटासरा. जिनके 'फटकारे' लोगों को बांधते हैं. 

डोटासरा इतिहास के संदर्भों से शब्द लेते हैं और उन्हें ऐसे प्रस्तुत करते हैं. जिससे न सिर्फ ठहाके गूंजते हैं, बल्कि उनका राजनीतिक सन्देश भी पहुंच जाता है. आइये उनके 10 'फटकारों के बारे में बात करते हैं.  जो डोटासरा के नाम का प्रयाय बन चुके हैं. 

1 .'नाथी का बाड़ा '- यह बयान गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शिक्षा राज्य मंत्री रहते हुए दिया इसके बाद विपक्ष में बैठी भाजपा ने उन्हें जमकर घेरा था, 'नाथी के बाड़े' का जिक्र राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा में भी किया था. 

(कहते हैं किसी ज़माने में एक नाथी नाम की एक महिला थी. उनके बारे कहा जाता है कि वो बहुत दयालु थीं. वह अपने इलाके में आने वाले हर जरूरतमंदों की खुले हाथ से मदद करती थी। नाथी के बाड़े से कोई भी जरूरतमंद खाली हाथ नहीं लौटा। जो जब चाहता था उनके 'बाड़े ' में घुस जाता था) 

2. मोरिया बुला देगें- बीते विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई हो, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा का यह बयान आज भी चर्चा में बना रहता है और इसके पीछे कारण है कि सात बार से लगातार विधायक रहे राजेंद्र राठौड़ को लेकर डोटासरा ने यह बयान दिया था जिसके बाद तारानगर सीट से राजेंद्र राठौड़ को हार का मुंह देखना पड़ा।

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3. तेरी छुट्टी करागा मोट्यार- इस बयान के पीछे की कहानी राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा पर पेपर लीक मामले और आरएएस भर्ती में परिजनों को नौकरी लगाने का आरोप लगाया, जिस पर डोटासरा ने विधानसभा चुनाव के समय तारानगर में एक सभा के दौरान राठौड पर हमला बोलते हुए कहा कि तेरी छुट्टी करागां मोट्यार। यानी तेरी छुट्टी कर देंगे। 

4. मेरी के पुंछ पाड़ली - विधानसभा चुनाव से पहले डोटासरा के सरकारी व निजी आवास पर ED की रेड हुई थी. इस मामले में भी डोटासरा ने सुभाष महरिया और राजेंद्र राठौड पर हमला बोला और एक सभा के दौरान कहा कि ED भी भेज दी लेकिन "मेरी क्या पूंछ पाडली', मतलब मेरा क्या कर लिया, मेरी कोई पूंछ थोड़ी उखाड़ ली. 

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5. आरएसएस को बिल मे घुसा देंगे- इस बयान के बाद डोटासरा पर विपक्षी नेताओं ने कई जवाबी हमले किए और हर मोर्चे पर भाजपा नेता डोटासरा को घेरते हुए भी नजर आए. यह बयान डोटासरा ने विधानसभा चुनाव से पहले दिया था. जिसका कई जिला मुख्यालयों पर विरोध भी हुआ। और इस बयान के बाद डोटासरा सीधे तौर पर आरएसएस के निशाने पर रहे।

6. किरोड़ी मेरे साढू- डोटासरा इन दिनों लगातार प्रदेश के भाजपा सरकार पर हमला बोल रहे हैं. बीते दिनों बीकानेर में एक सभा के दौरान डोटासरा बोले की किरोड़ी और मेरा एक ही काम है इस पर्ची सरकार को पलटना, किरोड़ी भी यही चाहते हैं इसलिए किरोड़ी मेरे साढू है हम दोनों का काम एक ही है।

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7. पर्ची सरकार - विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की जिसके बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कुछ दिन इंतजार करना पड़ा और इसके बाद केंद्रीय आला कमान से एक पर्ची पर नाम आया जिस पर भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया। बस यही से गोविंद सिंह डोटासरा अपने हर बयान में आज भी भजनलाल सरकार को पर्ची सरकार ही कहते हैं।

8. हाय रे मेरा सम्पम्पाट म तने चाटु तु मने चाट- एक सभा के दौरान डोटासरा ने यह बयान दिया था. जिसमें सरकार और ब्यूरोक्रेसी में असमंजस और सरकारी कामकाज में हो रही देरी को लेकर उन्होंने कहा था की सब एक जैसे बैठे है। सरकार में किसी को कोई मतलब नहीं।

9 .फटकारे- गोविंद डोटासरा ने शेखावाटी स्टाइल में 'फटकारे' शब्द का कई बार इस्तेमाल किया है, जिसके चलते अक्सर यह शब्द सोशल मीडिया पर चलता रहता है

10 . पोपा बाई का राज- पीसीसी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान डोटासरा ने वर्तमान सरकार को 'पोपा बाई का राज' बताया जिसमें सब कुछ आंखों के सामने होता है लेकिन कोई आम जनता की सुध लेने वाला नहीं है. 

प्रसंग-  पोपा बाई का राज' एक कहावत है जिसका मतलब है कि जहां क़ानून का राज न हो या कोई व्यवस्था न हो, वहां पोपा बाई का राज है. यह कहावत खास तौर पर तब इस्तेमाल की जाती है जब कोई जगह अव्यवस्थित या अराजक हो. 

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