'लेटरल एंट्री' के जरिए बड़े पदों पर RSS का कब्जा चाहती थी सरकार, डोटासरा बोले- कांग्रेस ने नाकाम की साजिश

UPSC Lateral Entry: यूपीएससी ने लेटरल एंट्री के प्रस्ताव को वापस ले लिया है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार का जमकर विरोध किया था. अब राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने लेटरल एंट्री को एक बड़ी साजिश बताया है.

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राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा.

UPSC Lateral Entry: राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं ने 'लेटरल एंट्री' के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल की साजिश को कांग्रेस ने नाकाम कर दिया है. केंद्र के अनुरोध के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने नौकरशाही में ‘लैटरल एंट्री' के जरिये भर्ती के लिए जारी नवीनतम विज्ञापन को मंगलवार को रद्द कर दिया.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 'एक्स' पर लिखा, “संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 'लेटरल एंट्री' सामाजिक न्याय की अवधारणा के विरुद्ध भाजपा की सोची-समझी साजिश थी, जिसे कांग्रेस पार्टी ने नाकाम कर दिया.”


डोटासरा बोले- कांग्रेस के पुरजोर विरोध से पीछे हटी सरकार

डोटासरा के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हमेशा दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है एवं आरक्षण की रक्षा की है. डोटासरा ने कहा, “RSS-BJP के लोगों की केंद्र सरकार के बड़े पदों पर पिछले दरवाज़े से प्रवेश के लिए असंवैधानिक तरीके से 'लेटरल एंट्री' का रास्ता निकाला गया जो आरक्षित वर्ग एवं युवाओं के साथ अन्याय था.”

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इसका पुरजोर विरोध किया जिसके दबाव में आज मोदी सरकार को यह निर्णय वापस लेना पड़ा. डोटासरा ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सदैव संविधान और आरक्षण व्यवस्था की रक्षा की है और आगे भी पूरी मज़बूती से ये लड़ाई लड़ती रहेगी.

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टीकाराम जूली बोले- संविधान पर हमले वाला फैसला लागू नहीं होने देंगे

वहीं लेटरल एंट्री के मसले पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 'एक्स' पर दावा किया, “केंद्र सरकार में ‘लेटरल एंट्री' सामाजिक न्याय, एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के हक व संविधान पर हमला कर (राष्ट्रीय स्वयं सेवक) संघ व भाजपा के विधान को लागू करने की साजिश थी.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता खरगे व राहुल गांधी तथा 'इंडिया' गठबंधन के तमाम नेताओं के मुखर विरोध के बाद आज सरकार को 'लेटरल एंट्री' भर्ती का विज्ञापन वापस लेना पड़ा. जूली ने कहा, “हमें जनता से संविधान की रक्षा का जनादेश मिला है. सामाजिक न्याय व संविधान के मूल्यों पर हमले करने वाले फैसलों को हम किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे.”

पायलट बोले- लेटरल एंट्री का प्रावधान असंवैधानिक

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी ने दलित और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ फिर एक बार आरक्षित वर्ग की पैरवी करके उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की है. उन्होंने कहा, “भाजपा ने जिस प्रकार से “लेटरल एंट्री' का प्रावधान निकाला था वह असंवैधानिक था और आज भारी दबाव के बाद इसे वापस लेना पड़ा.' पायलट ने कहा, “कांग्रेस पार्टी सभी समुदायों के अधिकारों और न्याय की रक्षा के लिए समर्पित है.” 

जानिए यूपीएससी में क्या है लेटरल एंट्री

मालूम हो कि यूपीएससी ‘लेटरल एंट्री' के जरिए सीधे उन पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति करता है, जिन पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की तैनाती होती है. इसमें निजी क्षेत्रों से अलग अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों को विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सीधे संयुक्त सचिव और निदेशक व उप सचिव के पद पर नियुक्ति दी जाती है.

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