Rajasthan Politics: हाल ही में राजस्थान कांग्रेस में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है. लेकिन इस नियुक्ति के बाद कांग्रेस के अंदर बवाल मचा हुआ है. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी द्वारा नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में बगावत के सुर उठने लगे है. भरतपुर में कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता कर अपनी ही पार्टी के इस फैसले को गलत बताते हुए कहा की जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया है. सिर्फ उन लोगों को जिला अध्यक्ष बनाया गया है जो पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक या वर्तमान विधायक के परिजन है.
अध्यक्षों की नियुक्ति पर नाराज भरतपुर के कार्यकर्ताओं ने अब पार्टी से इस्तीफा देने की बात कही है.
दूसरे जिले से आए हैं नए अध्यक्ष
कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि हाल ही में कांग्रेस ने प्रदेश में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. लेकिन इसमें उन लोगों को नियुक्ति दी है जो पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री के परिजन है. जबकि आम कार्यकर्ता को हमेशा ही नजरअंदाज किया गया है. हम इसका विरोध करते है. डीग से राजीव सिंह को कांग्रेस जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है. लेकिन वह दूसरे जिले के रहने वाले है.
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भरतपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को बनाया है जो लगातार दो बार से जिला अध्यक्ष है. जबकि नए चेहरे को तवज्जो दी जानी चाहिए थी. हम लोगों ने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है लेकिन जब मौका आता है तो सिर्फ उन चुनिंदा लोगों को पदों पर तवज्जो दी जाती है जिनका परिवार राजनीतिक है. यदि जरूरत पड़ी तो हम लोग पार्टी से इस्तीफा भी दे देंगे.
पूर्व नेताओं के बेटे को मिला मौका
गौरतलब है की भरतपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष पर लगातार दो बार से दिनेश सूपा को नियुक्त किया है जिनके पिता कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री थे. जबकि यहां नए चेहरे की मांग थी. वहीं डीग से कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजीव सिंह को नियुक्त किया है जिनके पिता हरी सिंह कांग्रेस सरकार में मंत्री थे.
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