राजस्थान: कांग्रेस में खुलकर सामने आई आपसी फूट, पर्यवेक्षक बोले- दिल्ली भेजेंगे रिपोर्ट

बाड़मेर जिला कांग्रेस में इन दिनों जिलाध्यक्ष पद की रेस ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. एक ओर चौधरी गुट संगठन पर पकड़ बनाए रखना चाहता है, तो दूसरी ओर मेवाराम जैन की वापसी ने समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं.

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Rajasthan News: कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी राजेश तिवारी शनिवार को बाड़मेर व बालोतरा के दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने बाड़मेर जिला कांग्रेस कमेटी और बाड़मेर ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर आगामी कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी की. इस दौरान स्थानीय कांग्रेस दो धड़ों में बटी हुई नजर आई. एक गुट ने वीरेंद्र धाम में पर्यवेक्षक से मुलाकात की तो दूसरे गुट ने पूर्व विधायक मेवाराम जैन के यहां एकत्रित होकर सर्किट हाउस पहुंचे और पर्यवेक्षक से मुलाकात कर अपनी बात रखी.

दिल्ली भेजी जाएगी रिपोर्ट

इस दौरान तिवारी ने जिलेभर से आए कार्यकर्ताओं से वन टू वन बातचीत की और संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया. वहीं उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिले और उनकी रायशुमारी पर पार्टी पदाधिकारी चुने जाएं. इसी को लेकर कार्यकर्ताओं से अलग-अलग मुलाकात कर रहे हैं. बाड़मेर में कुछ नेताओं में आपसी मतभेद सामने आए हैं, जिसको लेकर दिल्ली रिपोर्ट भेजी जाएगी.

बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी और बाड़मेर बालोतरा कांग्रेस के पर्यवेक्षक राजेश तिवारी पिछले 9 दिन से बाड़मेर बालोतरा जिले में हैं. इस दौरान कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष हेतु अलग-अलग विधानसभा वार कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसी को लेकर रविवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण और शहर की बैठक आयोजित की गई थी. इस दौरान कांग्रेस दो गुटों में भर्ती हुई नजर आई.

सक्रिय नजर आया मेवाराम जैन गुट

दरअसल, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी के समर्थक एकजुट होकर वीरेंद्र धाम में आयोजित बैठक में शामिल हुए. बैठक में बड़ी संख्या में ब्लॉक अध्यक्ष, पदाधिकारी और कार्यकर्ता पहुंचे. इस गुट ने संगठन में अपने पक्ष को मजबूती से रखा और जिला अध्यक्ष पद पर अपने पसंदीदा नामों की अनुशंसा की. वहीं दूसरी ओर, हाल ही में कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व विधायक मेवाराम जैन का गुट भी सक्रिय नजर आया.

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मेवाराम जैन के कार्यालय में उनके समर्थकों की बड़ी सभा हुई, जिसमें जिलेभर से कई कार्यकर्ता शामिल हुए. इसके बाद जैन अपने समर्थकों के साथ सर्किट हाउस पहुंचे और सह प्रभारी राजेश तिवारी से मुलाकात की. जैन गुट ने भी जिला अध्यक्ष पद को लेकर अपनी राय रखी और संगठन में युवाओं को मौका देने की बात कही. सूत्रों के अनुसार, संगठन सृजन अभियान के तहत राजेश तिवारी जिले में अलग-अलग गुटों से राय लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा.

जिलाध्यक्ष पद की रेस ने बढ़ाई हलचल

इस रिपोर्ट के आधार पर ही जिले में नया कांग्रेस जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा. पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि रायशुमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और हर कोई अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र है. वहीं पर्यवेक्षक तिवारी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी का उद्देश्य संगठन को मजबूत बनाना और जनता के बीच कांग्रेस की पकड़ को फिर से मजबूत करना है. कुल मिलाकर, बाड़मेर जिला कांग्रेस में इन दिनों जिलाध्यक्ष पद की रेस ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. एक ओर चौधरी गुट संगठन पर पकड़ बनाए रखना चाहता है, तो दूसरी ओर मेवाराम जैन की वापसी ने समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं.

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