Rajasthan Politics: दोहरे संकट में फंसी राजस्थान कांग्रेस, स्टार प्रचारक करा रहे इंतजार, अब सामने आई ये परेशानी!

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में कांग्रेस दोहरे संकट में फंस गई है. एक तरफ अकाउंट फ्रीज होने के कारण चुनाव प्रचार में आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि दूसरी ओर कांग्रेस के 16 स्टार प्रचारक राजस्थान आने का इंतजार करा रहे हैं.

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राजस्थान में कांग्रेस कैंपेन कमेटी की बैठक के दौरान की तस्वीर.

Rajasthan News: देश में इंडी गठबंधन के जरिए मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का दावा करने वाली कांग्रेस (Congress) राजस्थान में अपने चुनाव प्रचार अभियान को गति देने में अभी तक नाकाम रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह बड़े नेताओं की चुनाव प्रचार (Election Campaign) को लेकर उदासीनता और कांग्रेस प्रत्याशियों का आर्थिक संकट माना जा रहा है. बीती रात कांग्रेस ने कैंपेन कमेटी की बैठक (CCC Meeting) कर मुद्दों पर मंथन किया है. लेकिन लगता नहीं है कि इस रणनीति के साथ कांग्रेस राजस्थान में भाजपा (BJP) की हाईटेक चुनाव प्रचार का मुकाबला कर पाएगी.

32 में से सिर्फ 12 ही बैठक में आए

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग का समय नजदीक है, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने चुनाव प्रचार की रणनीति को अमली जामा नहीं पहना पाई है. जयपुर में कल रात हुई कांग्रेस कैंपेन कमेटी की पहली बैठक को लेकर नेताओं में गंभीरता का आलम ये रहा बैठक में 32 में से केवल 12 सदस्य ही शामिल हो पाए. कुछ VC के जरिए जुड़े, लेकिन अधिकांश बैठक नेताओं ने से दूरी बना ली. कहने को मीटिंग में फौरी तौर पर कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन सबसे बड़ी समस्या चुनाव प्रचार को तेज करने के लिए संसाधन की कमी पर भी मंथन रहा. 

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खाते फ्रीज होने से आर्थिक संकट

राजस्थान कांग्रेस के नेता मानते हैं और हमें 25 लोकसभा सीटों में 10 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस के लिए जीत की संभावनाएं हैं. लेकिन एक दर्जन सीटें ऐसी भी हैं जहां पर कांग्रेस प्रत्याशी आर्थिक तंगी के चलते चुनाव प्रचार को रफ्तार नहीं दे पा रहे हैं. प्रत्याशियों की आर्थिक तंगी की बात को स्वीकार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का कहना है कि कांग्रेस के खाते फ्रीज (Congress Account Freeze) किए गए हैं. उससे कांग्रेस को चुनावी अभियान को गति देने में दिक्कतें आ रही हैं. अशोक गहलोत ने कहा, 'लेकिन इन सबके बावजूद कांग्रेस के लिए जनता पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है.'

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डोटसरा का बयान गहलोत से अलग

हालांकि इस मामले में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की राय अशोक गहलोत से जुदा है. डोटासरा का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं है. पहले चरण के चुनाव को लेकर जिला कमेटियों को कहा गया है कि जहां भी जिस प्रत्याशी को जो भी आवश्यकता हो, प्रदेश कांग्रेस के सहयोग से उसे वो सुविधा उपलब्ध कराई जाए. 

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16 स्टार प्रचारकों के दौरे का इंतजार

इन सब बातों के बाद भी राजस्थान कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी परेशानी ये भी है कि राजस्थान में उनके लिए स्टार प्रचारक समय नहीं निकाल पा रहे हैं. कांग्रेस के 16 स्टार प्रचारक ऐसे हैं जिनके अभी तक राजस्थान में एक भी दौरा नहीं हो पाया है. इनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रजनी पाटिल, मुकुल वासनिक, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, चरणजीत सिंह चन्नी, दीपेंद्र हुड्डा, इमरान प्रतापगढी कन्हैया कुमार, पवन खेड़ा, जिग्नेश मेवाणी, आलोक शर्मा, अलका लांबा, BV श्रीनिवास और वरुण चौधरी जैसे नाम शामिल हैं. ये अलग बात है कि राजस्थान में इन नेताओं की डिमांड भी नहीं है.

गांधी-पायलट-गहलोत की सबसे ज्यादा मांग

राजस्थान में स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे नेताओं की मांग सबसे अधिक है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान में PM मोदी और अमित शाह के तूफानी दौरों के बीच कांग्रेस भाजपा के हाईटेक चुनाव प्रचार का उस तरफ से मुकाबला नहीं कर पा रही है, जैसा लोकसभा चुनाव में होना चाहिए. कांग्रेस प्रचार अभियान में अभी तक वो बात नहीं नजर आई है, जिससे राजस्थान में भाजपा को लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप करने से रोका जा सके.