Rajasthan News: राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट (Nagaur Lok Sabha Constituency) पर इस वक्त सभी की नजरें टिकी हुई हैं. कांग्रेस (Congress) ने भले ही यहां पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) से गठबंधन कर लिया हो, मगर इसके बाद भी पार्टी की राह आसान नहीं हो पाई है. क्योंकि यह गठबंधन कई कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आ रहा है. गठबंधन से नाराज कई नेता और कार्यकर्ता पाला बदलकर भाजपा खेमे में जा चुके हैं. अब कांग्रेस ने ऐसे नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है.
हनुमान बेनीवाल ने की थी शिकायत
कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने डीडवाना के पूर्व विधायक भंवरा राम सूपका, सुखाराम डोडवाडिया और कुचेरा पालिकाध्यक्ष तेजपाल मिर्धा पर एक्शन लेते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इन तीनों नेताओं पर भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) का प्रचार करने का आरोप था. ज्योति मिर्धा की कई सभाओं में भी यह नेता नजर आए थे. जिसके बाद एक चुनावी सभा में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने इसकी शिकायत की थी. तब कांग्रेस ने इन नेताओ पर एक्शन लेते हुए निष्कासित कर दिया है.
मिर्धा जब कांग्रेस में थीं तब से संबंध!
भंवरा राम सुपका डीडवाना के पूर्व विधायक और जिला प्रमुख भी रह चुके हैं, जबकि सुखराम डोडवाडिया पंचायत समिति सदस्य और कांग्रेस आईटी सेल में कई पदों पर रह चुके हैं. इसके अलावा तेजपाल मिर्धा ने हाल ही में कांग्रेस की टिकट पर हनुमान बेनीवाल के सामने खींवसर से चुनाव लड़ा था. वे कुचेरा नगर पालिका के पालिकाध्यक्ष भी हैं. बताया जा रहा है कि जिन नेताओं को कांग्रेस में निष्कासित किया है, वे कांग्रेस और आरएलपी के गठबंधन से नाराज थे, इसलिए पाला बदलकर भाजपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति मिर्धा के पक्ष में चले गए. इन नेताओं के उस समय से ज्योति मिर्धा से संपर्क है, जब वे कांग्रेस पार्टी में हुआ करती थी.
'नीचा दिखाने वाले को कैसे स्वीकारें'
यही नहीं, कांग्रेस नेता सुखराम डोडवाडिया ने तो सोशल मीडिया पर बड़ी पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि "ऐसी क्या मजबूरी थी कि मेरे कांग्रेस परिवार ने उस आदमी और पार्टी से गठबंधन किया है, जिसने पंचायत समिति चुनाव से लेकर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को खूब नुकसान किया और कांग्रेस के कितने ही नेताओं को साजिश और षड्यंत्र करके हराया है. इस पार्टी ने और इनके सुप्रीमो ने हमेशा कांग्रेस पार्टी और आदरणीय राहुल गांधी को टारगेट किया है. हम ऐसे गठबंधन को कैसे स्वीकार कर लें, जिसने कांग्रेस और कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को हमेशा नीचा दिखाने का काम किया है.'
'यह लोग कांग्रेस को खत्म कर देंगें'
डोडवाडिया ने आगे कहा, 'भले ही कांग्रेस पार्टी ने आज मुझे बाहर कर दिया है, पर इसी कांग्रेस के लिए मैंने दिल से मेहनत की और पूरे देश में पार्टी ने जहां आदेश दिया, वहां तन मन धन व लगन से मेहनत की. आज जिस सुप्रीमो के कहने पर जिस प्रकार से मुझे मेरे कांग्रेस परिवार से अलग किया है, यही सुप्रीमो और इनके कार्यकर्ता पंचायती राज के चुनाव में कांग्रेसी कार्यकर्ता को हराते हुए नजर आएंगे. जिस सुप्रीमो ने कांग्रेस विचारधारा का हमेशा मजाक उड़ाया व विरोध किया है, उनके साथ खड़े रहना हमारे लिए संभव नहीं था. हमारे जैसे हजारों कार्यकर्ता है, जो इस गठबंधन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं उनके लिए आपने हमे निष्कासन कर रास्ता साफ कर दिया है. आलाकमान ने अच्छा किया है, हमारी भावनाओं की अच्छी कदर की हैं. कांग्रेस के निर्णय अब "बोतल" लेने लगी है और यह लोग कांग्रेस को खत्म कर देंगें. आज जो सुप्रीमो के कहने से पार्टी ने निर्णय लिया है, उसको मैं और मेरा समाज हमेशा याद रखेंगे.'
'मैंने भाजपा का प्रचार नहीं किया'
वहीं तेजपाल मिर्धा ने कहा है कि मैंने भाजपा का प्रचार नहीं किया. लेकिन मैंने जिसके खिलाफ चुनाव लड़ा, उसका प्रचार मैं कैसे करूं? इसलिए मैं अपने घर में ही हूं. हालांकि पूर्व विधायक भंवराराम सूपका की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.